नई दिल्ली, 23 जुलाई। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि देश की जनता ने भारत को सतत विकास के मार्ग पर ले जाने और चहुंमुखी समृद्धि के लिए हमारी सरकार को एक महत्‍वपूर्ण अवसर प्रदान किया है। उन्हाेंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वालाें के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तीन करोड़ अतिरिक्‍त आवासों के निर्माण की घोषणा की है, जिसके लिए आवश्‍यक धनराशि का प्रबंध बजट में किया गया है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की घर संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। जिसमें किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी का भी प्रावधान है।

किराये पर मिलने वाले आवासों के बारे में बात करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक कामगारों के लिए निजी सहभागिता याेजना (वीजीएफ) सहायता और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी (पीपीपी) मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी। किराए के आवास बाजारों के लिए समर्थकारी नीतियां तथा विनियम भी बनाए जाएंगे।

वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। हमारी सरकार राज्यों के साथ मिलकर “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की सुविधा पर काम करेगी। 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा वित्तीय रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं को बढ़ावा देगी। इन परियोजनाओं के माध्‍यम से मिलने वाले जल का इस्‍तेमाल सिंचाई तथा आस-पास के क्षेत्रों में तालाबों को भरने के लिए किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सड़क पर रेहड़ी-पटरी लगाने वाले दैनिक विक्रेताओं के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्‍य से पीएम स्वनिधि की सफलता के आधार पर, अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए एक योजना है।

सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार सभी के लिए स्‍टाम्‍प शुल्‍क की दरों को कम करने तथा महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्कों को और कम करने पर भी विचार करेगी। इसके साथ उन राज्यों को प्रोत्साहित करेंगे, जिन्होंने अधिक स्टाम्प शुल्क लगाना जारी रखा है। इस सुधार को शहरी विकास योजनाओं का अनिवार्य अंग बनाया जाएगा।