कोलकाता, 13 जुलाई । पश्चिम बंगाल में पहली बार किसी कॉलेज में नियमित हैम रेडियो प्रशिक्षण कक्षाएं और कार्यशालाएं शनिवार को शुरू हुईं। यह पहल पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के तहत रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित विवेकानंद शतवार्षिकी कॉलेज (नैक के अनुसार A++ रेटेड) में की गई है, जो उत्तर 24 परगना के राहर में स्थित है। विज्ञान विषय में स्नातक स्तर के छात्र इस प्रशिक्षण में भाग लेंगे। यह राज्य में ही नहीं, संभवतः देश में भी पहली बार हो रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डॉ. पशुपति मंडल, दीपक चक्रवर्ती और अंबरिश नाग विश्वास द्वारा किया जाएगा। कॉलेज के प्रधानाचार्य स्वामी कमलस्थानंद महाराज ने इस अवसर पर पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब और इंडियन अकादमी ऑफ कम्युनिकेशन एंड डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव और अध्यक्ष को पत्र लिखा। उद्घाटन समारोह में स्वामी कमलस्थानंद महाराज ने कहा कि पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ यदि छात्र इस वैज्ञानिक शौक की रेडियो तकनीक को जानें और समझें, तो वे प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने कार्य में लगा सकेंगे। विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं के समय, जब सभी टेली कम्युनिकेशन सिस्टम विफल हो जाते हैं, तब हैम रेडियो के माध्यम से संचार स्थापित कर सकते हैं और जीवन रक्षक संदेश भेज सकते हैं।
डॉ. पशुपति मंडल ने कहा कि रामकृष्ण मिशन एक मिसाल कायम करने जा रहा है। यहां मेरिट के आधार पर चयनित छात्रों को पढ़ने का मौका मिलता है। डिप्टी प्रिंसिपल दीपक चक्रवर्ती ने कहा कि छात्रों को हैम रेडियो और संबंधित उपकरणों का उपयोग सिखाया जाएगा।
अकादमी की सचिव रिंकू नाग विश्वास ने कहा कि उच्च प्रतिभा वाले ये छात्र यदि समाज सेवा के लिए आगे आते हैं तो इससे सभी को लाभ होगा। तीन महीने के इस कोर्स में जो पढ़ाया जाएगा, वह उनके पाठ्यक्रम में भी सहायक होगा। हम आशावान हैं कि इस पहल के बाद राज्य के अन्य कॉलेजों में भी जल्दी ही यह प्रशिक्षण कार्यशालाएं शुरू होंगी। राज्य के अन्य पांच कॉलेज पहले ही इस कोर्स के लिए हमसे संपर्क कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि रामकृष्ण मिशन हमेशा प्राकृतिक आपदाओं के समय में लोगों के साथ खड़ा रहा है। यदि वे भी हैम रेडियो का लाइसेंस प्राप्त करते हैं, तो वे और भी बेहतर तरीके से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर सकेंगे। स्थायी हैम रेडियो स्टेशन स्थापित होने के बाद, विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ सीधे संबंध स्थापित होंगे, जिससे छात्रों के करियर में भी लाभ होगा।