सहरसा, 11 जुलाई। जिले के कहरा प्रखंड स्थित बनगांव ग्राम की बेटी लक्ष्मी झा ने मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा फहरा कर इतिहास रच दिया है। इस चोटी पर तिरंगा फहराने वाली लक्ष्मी पहली भारतीय महिला हैं। लक्ष्मी के इस साहसिक कार्य से सहरसा का नाम देश विदेश में ऊंचा हुआ है।
अपने इस अभियान को लेकर लक्ष्मी झा ने बताया कि उसने 4 जुलाई को दिल्ली से फ्लाइट लेकर चेन्नई पहुंची थी। चेन्नई से फिर रात दस बजे फ्लाइट लेकर 5 जुलाई को सुबह पांच बजे मलेशिया एयरपोर्ट पहुंची थी। उसी दिन यहां से शाम छह बजे डोमेस्टिक फ्लाइट से कोटा किनाबालु शाम आठ बजे पहुंच गई थी। लक्ष्मी ने बताया कि यहां दो दिन रेस्ट लेने के बाद 8 जुलाई को सुबह दस बजे उसने माउंट किनाबालु की चढ़ाई शुरू की दी और शाम चार बजे तक वह बेस कैंप पहुंच गई। यहां से 9 जुलाई को सुबह तीन बजे से माउंट किनाबालु की चढ़ाई का अंतिम चरण शुरू किया और छह बजकर 40 मिनट पर वह चोटी पर पहुंच गई और वहां तिरंगा फहराया। लक्ष्मी ने बताया कि माउंट पर चढ़ाई के दौरान बहुत सारी मुश्किलें आईं और बारिश होने के साथ ही मौसम भी बहुत खराब था। चढ़ाई दौरान मेरे घुटनों में चोट भी आई है। लक्ष्मी ने अपनी सफलता के लिए पूर्व राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हीं के प्रोत्साहन और मदद की बदौलत आज मैं मांउट किनाबालु जैसी लंबी चोटी पर चढ़ने में सफल हो सकी हूं।
लक्ष्मी के इस सफलता पर आजाद युवा विचार मंच के शैलेश कुमार झा, अशोक झा लाल, संजीव कुमार झा, प्रणव प्रेम, नीतीश कुमार, सूर्य प्रकाश झा, शिशिर कुमार बौआ, श्यामल ठाकुर, नितेश कुमार, विकास भारती, अंकुश वत्स ने हर्ष व्यक्त किया। उन्हाेंने कहा कि लक्ष्मी की सफलता हम सभी के लिए गर्व की बात है।एक बहन ने सहरसा जिले का नाम पूरे भारत में रौशन कर रही है।
उल्लेखनीय है कि माउंट किनाबालु बोर्नियो और मलेशिया का सबसे ऊंचा पर्वत है, जिसकी ऊंचाई 4,095 मीटर (13,435 फीट) है। यह चाेटी पृथ्वी पर एक द्वीप की तीसरी सबसे ऊंची चोटी, दक्षिण पूर्व एशिया की 28वीं सबसे ऊंची चोटी और दुनिया की 20वीं सबसे प्रमुख चाेटी है। लक्ष्मी इंडिया की पहली बेटी है, जिन्होंने माउंट किनाबालु पर चढ़ाई कर सहरसा का नाम देश एवं विदेश में ऊंचा किया है।