कोलकाता, 09 जुलाई। औद्योगिक भूमि की कमी को दूर करने के उद्देश्य से, पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि सूबे में पहले बंद हो चुके औद्योगिक इकाइयों से लगभग 500 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त किया गया है। राज्य की उद्योग मंत्री शशि पांजा ने भी इसकी पुष्टि की है।

सचिवालय सूत्रों ने कहा कि पुनः प्राप्त की गई ये भूमि अब विभाग के भूमि बैंक के माध्यम से सीधे आवंटन के लिए उपलब्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ स्थित ऐसी ही अप्रयुक्त भूमि के टुकड़ों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।

यह पहल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस पूर्व घोषणा के बाद आई है जिसमें उन्होंने औद्योगिक उद्देश्यों के लिए निर्धारित अप्रयुक्त भूमि को पुनः प्राप्त करने की सरकार की मंशा जाहिर की थी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह घोषणा की थी कि राज्य में जिन औद्योगिक इकाइयों को मुफ्त में जमीन आवंटित की गई है और उन्होंने लंबे अंतराल तक जमीन को खाली रखकर कोई उद्योग नहीं लगाया, उनसे जमीन वापस ले ली जाएगी। इसी घोषणा के तहत अब ऐसी जमीनों को वापस लेने की प्रक्रिया राज्य में चल रही है। हालांकि इस पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया है। भाजपा के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि राज्य सरकार उन उद्योगपतियों को सजा देने के लिए ऐसा कर रही है जिन्होंने पार्टी फंड में कट मनी जितनी मांगी गई थी, उतना देने से इनकार कर दिया।