कोलकाता, 5 जुलाई । उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ से सबक लेते हुए पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित प्रसिद्ध तरकेश्वर मंदिर और इसके आसपास के पूरे क्षेत्र को श्रावणी मेला से पहले सुरक्षा के कड़े घेरे में रखा जाएगा।

यह निर्णय हुगली जिला प्रशासन की बैठक में लिया गया। बैठक में तारकेश्वर नगर पालिका के अध्यक्ष उत्तम कुंडू की समेत वरिष्ठ जिला स्तरीय प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। मंदिर परिसर और मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में तय किया गया है कि एक नियंत्रण कक्ष खोला जाएगा जहां सीसीटीवी फुटेज से लगातार निगरानी की जाएगी और स्थिति के अनुसार सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

अतिरिक्त प्रवेश द्वार

मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए अतिरिक्त द्वार की संख्या बढ़ाई जाएगी।

सुरक्षा बलों की तैनाती

पुलिस, अग्निशमन सेवाएं और आपदा प्रबंधन विभाग से अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की जाएगी।

विशेष पार्किंग क्षेत्र

तीर्थयात्रियों को लाने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए विशेष क्षेत्र निर्धारित किए जाएंगे।

पानी और रोशनी की व्यवस्था

नगर पालिका अधिकारियों ने पानी की आपूर्ति और मंदिर परिसर की ओर जाने वाली सड़कों को रोशन करने की पर्याप्त व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

स्वास्थ्य केंद्र

आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इस साल श्रावणी मेला 21 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा। पिछले कुछ वर्षों के अनुभव के आधार पर, मंदिर अधिकारी त्योहार के दिनों में दस लाख से अधिक लोगों की भीड़ की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें शनिवार, रविवार और सोमवार को सबसे अधिक भीड़ होती है।

इन कदमों से उम्मीद है कि इस बार तरकेश्वर मंदिर में श्रावणी मेला के दौरान सुरक्षा और सुविधा के बेहतर इंतजाम किए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।