कोलकाता, पांच जुलाई । प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अंशकालिक सदस्य नीलेश शाह ने कहा कि बंगाल में सट्टा कारोबार पर अंकुश लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दीर्घावधि के लिए निवेश की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शाह ने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार दीर्घकालिक पूंजी निवेश खुदरा निवेशकों और भारतीय कंपनियों के लिए धन सृजन कर सकता है।

शाह ने कहा, ‘‘ हमें (सट्टा) कारोबार को हतोत्साहित करना चाहिए ताकि निवेश को बढ़ावा मिले। लोग पैसा खो देते हैं। यदि सरकार वायदा व विकल्प या सट्टा कारोबार के लिए उच्च कराधान पर विचार कर रही है, तो यह सही कदम होगा।’’

दूसरी ओर, शाह अनेक चुनौतियों के बावजूद देश की वृद्धि गति, इसकी अपार संभावनाओं और अवसरों के प्रति आशावादी हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को दिए गए अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष विनोद कुमार गोयल ने सुझाव दिया कि लेनदेन (गैर-डिलीवरी आधारित) से होने वाली आय/हानि (जो उसी दिन चुकता कर दी जाती है) को व्यवसाय आय के बराबर माना जाना चाहिए। सट्टा आय नहीं।