काठमांडू, 02 जुलाई । नेपाल सरकार के अल्पमत में आने के बाद प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने मंगलवार को इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने बहुमत खोने के बाद सत्ता छोड़ने के बजाय संसद में विश्वास मत हासिल करने की बात कही है।

दरअसल, सोमवार रात को सरकार के प्रमुख दल नेकपा एमाले और प्रमुख प्रतिपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के हाथ मिलाने के बाद अल्पमत में आ गए प्रचंड ने आज कहा कि वो अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में प्रचंड ने माओवादी पार्टी की सचिवालय बैठक बुलाई थी। इसी बैठक में प्रधानमंत्री ने पद से इस्तीफा नहीं देने का निर्णय लिया। इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पार्टी महासचिव देव गुरूंग ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक प्रचंड संसद में विश्वास का मत हासिल करेंगे। इसके लिए 30 दिन का समय है।

उन्होंने नेपाली कांग्रेस और नेकपा एमाले के बीच हुए गठबंधन को माओवादी ने खतरनाक बताया है। दो बड़ी पार्टियों के मिलने से न सिर्फ संविधान खतरे में आ गया है, बल्कि नए संविधान को उलटाने के लिए ही यह गठबंधन बनाया गया है।