नई दिल्ली, 01 जुलाई । राहुल गांधी ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपने पहले भाषण में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार से डरने वाला नहीं है। उन्होंने अग्निवीर, किसान और नीट का मुद्दा उठाया और सरकार पर कई आक्षेप लगाए। हालांकि सत्तापक्ष की ओर से उनके बयानों पर कई आपत्तियां जताई गईं और कहा गया कि राहुल गांधी को अपनी बातों को सत्यापित करना चाहिए। इस पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वे उनके बयानों का सत्यापन करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो बार हस्तक्षेप किया और तंज कसते हुए कहा कि संविधान उन्हें कहता है कि विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए। अमित शाह ने भी तीन बार राहुल के बयान पर हस्तक्षेप किया और कहा कि विपक्ष के नेता अपने पहले भाषण में कुछ भी बोल रहे हैं। उन्होंने अध्यक्ष ओम बिरला से संरक्षण की मांग करते हुए कहा कि राहुल गांधी के बयानों को सत्यापित किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने करीब पौने दो घंटे के अपने भाषण में कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने अग्निवीर का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार शहीद अग्निवीरों को मुआवजा नहीं दे रही। इस पर राजनाथ सिंह ने हस्तक्षेप किया और कहा कि सेवा के दौरान अग्निवीर की मौत होने पर उसके परिजनों को एक करोड़ रुपये दिये जाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की सोच से बनी योजना है। राजनाथ ने इसका भी खंडन किया और कहा कि अग्निवीर योजना विभिन्न संस्थानों से बातचीत के बाद लायी गई है और दुनिया के कई देशों में चल रही है।

राहुल गांधी ने मणिपुर का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री अब तक मणिपुर नहीं गए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया। किसानों को आतंकवादी कहा गया, उनका कर्जा माफ नहीं किया जाता और उन्हें एमएसपी नहीं दी जाती। इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हस्तक्षेप किया और कहा कि सरकार लगातार एमएसपी दे रही है और पिछली कांग्रेस सरकारों से ज्यादा दे रही है।

राहुल गांधी ने परीक्षा पत्रों के लीक होने के मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार ने प्रोफेशनल एग्जाम को कमर्शियल एग्जाम में बदल दिया है। सात साल में सत्तर बार परीक्षापत्र लीक हुआ है। हम इस पर चर्चा की मांग करते हैं ताकि देश के युवाओं को संदेश जाए, लेकिन सरकार चर्चा नहीं कराना चाहती। विपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि भय कैसे पैदा किया जाए। अल्पसंख्यकों को डराया जाता है। हर क्षेत्र में अल्पसंख्यक देशभक्त की तरह हैं।

केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने राहुल गांधी के भाषण के दौरान धार्मिक तस्वीरें दिखाए जाने पर आपत्ति जताई। साथ ही इस बात पर भी आपत्ति जताई कि वे अध्यक्ष की ओर पीठ कर भाषण दे रहे हैं। इस पर अध्यक्ष बिरला ने भी कहा कि नियमों के मुताबिक उन्हें प्रतीक चिन्हों को नहीं दिखाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह तस्वीरें हमारी आस्था हैं और इस तरह से राहुल गांधी का उन्हें उठाना और तस्वीरों को रखना ठीक नहीं है।