सीबीआई ने बंगाल, सिक्किम में कई जगह छापे मारे
40 लाख रुपये नकद जब्त , चार गिरफ्तार
कोलकाता, 16 अक्टूबर। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोलकाता में कई स्थानों पर छापेमार कर चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया एवं उनसे लगभग 40 लाख रुपये नकद जब्त किए। इससे पहले सीबीआई ने बंगाल और सिक्किम में एक साथ छापेमारी कर फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा किया ।
सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि इस तरह के फर्जी पासपोर्ट बंगलादेश, नेपाल और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे संदिग्ध आतंकवादियों के लिए बनाए जाते हैं, इस संदेह के आधार पर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने नए सिरे से तलाशी अभियान शुरू किया।
इससे पहले शनिवार को सीबीआई ने सिक्किम और उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों में फर्जी भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड और मतदाता कार्ड जब्त किए और दो लोगों को गिरफ्तार किया।
सीबीआई की एक विज्ञप्ति में कहा गया,“सीबीआई ने एक बड़े पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया है और पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र के एक वरिष्ठ अधीक्षक और एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर रिश्वत के रूप में लिए गए 1.90 लाख रुपये जब्त किए। इसके अलावा पश्चिम बंगाल और सिक्किम में लगभग 50 स्थानों पर तलाशी ली।”
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने कोलकाता के उप-पासपोर्ट अधिकारी (डीपीओ), वरिष्ठ अधीक्षक, पीएसएलके, गंगटोक (सिक्किम) और अन्य लोक सेवकों, निजी व्यक्तियों सहित 24 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने कहा कि आरोप है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ), कोलकाता और पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र (पीएसएलके), गंगटोक के लोक सेवकों ने पासपोर्ट एजेंटों, बिचौलियों सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और उक्त साजिश में, आरोपियों ने घूस लेकर उन व्यक्तियों/आवेदकों की ओर से बिचौलियों द्वारा प्रस्तुत किए गए झूठे और जाली पहचान वाले दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी किया जो भारत के निवासी नहीं हैं।
सीबीआई ने पीएसएलके गंगटोक के वरिष्ठ अधीक्षक के पास से 1.90 लाख रुपये बरामद किए, जब वह सिलीगुड़ी में एक निजी व्यक्ति (एक एजेंट) से इसे स्वीकार कर रहे थे। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तलाशी के दौरान, उक्त लोक सेवक के पास से लगभग 3.08 लाख रुपये की राशि भी बरामद की गई।
सीबीआई ने विज्ञप्ति में कहा,“रैकेट के खिलाफ कार्रवाई के भाग के रूप में, कोलकाता, गंगटोक, सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, अलीपुर दुआर सहित लगभग 50 स्थानों पर लोक सेवकों और अन्य आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें पहचान प्रमाणपत्र, जाली पासपोर्ट जारी करने से संबंधित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।”