रोम, 14 जून। प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली पहुंच गए हैं। वो जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलीया क्षेत्र किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी का इटली पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली पहुंचने पर एक्स हैंडल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कुछ फोटो भी साझा किए हैं। उन्होंने कहा है, ” विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्ज्वल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।”

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन से इतर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। मार्च 2023 में मेलोनी की भारत यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी बैठक होगी। मोदी उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इटली पहुंचे हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भी मुलाकात संभव है। उल्लेखनीय है कि इटली की प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने, केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो और ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सईद को भी आमंत्रित किया है। सभी नेता अफ्रीकी महाद्वीप पर इटली के विकास पर बात करेंगे। अन्य अतिथियों में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन शामिल हैं।

इटली में यह सम्मेलन शुरू हो गया है। इस मौके पर जी-8 और जी-20 के पूर्व इटालियन शेरपा और राजदूत जियाम्पिएरो मासोलो ने जोर देकर कहा कि भारत एक प्रमुख देश और एक विशाल लोकतंत्र है। हर कोई इसे एक स्थिर कारक के रूप में गिनता है। ग्लोबल साउथ में भारत महत्वपूर्ण स्थिति है। जी-7 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से उन्हें पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर आगे की जाने वाली कार्रवाई करने का भी अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है।

इस सम्मेलन में मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विश्वभर के नेता इन जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने और समाधान के तरीकों की तलाश करेंगे। इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एजेंडा के प्रमुख विषयों में शामिल किया गया है। जी-7 संगठन के सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ ही यूरोपीय यूनियन भी शामिल हैं। इटली यात्रा से पहले भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्थान वक्तव्य जारी किया है।

वह इस प्रकार है-” प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर, मैं 14 जून 2024 को जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलीया क्षेत्र की यात्रा पर जा रहा हूं। मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी इटली यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं। पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिन्द-प्रशांत एवं भू-मध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका एवं भू-मध्यसागर पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन तथा आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच व्यापक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा, जो ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।”