कोलकाता, 12 जून । प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच के सिलसिले में एक्सपायर हो चुके पैनल से 222 अवैध नियुक्तियों की पहचान की है। नियुक्ति पैनल एक्सपायर हो जाने के बावजूद इन सभी की नियुक्ति की सिफारिश की गई थी।
सूत्रों ने कहा कि इन 222 व्यक्तियों में से 183 माध्यमिक शिक्षकों की श्रेणी में थे, जबकि शेष 39 उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की श्रेणी में थे। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ के बाद यह जानकारी हासिल की है।
उनके बयान के आधार पर ईडी अधिकारियों ने इन 222 व्यक्तियों के नामों की एक सूची तैयार की है, जिसे उन्होंने अदालत को सौंप दिया है।
ईडी के अधिकारियों ने पहचान की है कि इन 222 व्यक्तियों में से अधिकांश की नियुक्ति के लिए एसपी सिन्हा द्वारा सिफारिश की गई थी, जो उस समय पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की स्क्रीनिंग कमेटी का नेतृत्व कर रहे थे।
आयोग ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन पार्थ चटर्जी के कार्यकाल के दौरान किया था, जो उस समय राज्य के शिक्षा मंत्री थे। चटर्जी फिलहाल स्कूल में नौकरी के मामले में कथित संलिप्तता के कारण जेल में हैं। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच समिति ने पाया था कि स्क्रीनिंग कमेटी का गठन सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था और सिन्हा को राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अवैध भर्ती को सुविधाजनक बनाने के लिए उस समिति का प्रमुख बनाया गया था।
ईडी ने अदालत को यह भी बताया है कि उनके अधिकारियों द्वारा पहचाने गए 222 व्यक्तियों में से कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने स्कूलों में भर्ती में अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। इसलिए, यह माना जाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलन को कमजोर करने की साजिश के तहत वे उसमें शामिल हुए थे।