उदयपुर, 9 जून। हमारी संस्कृति और हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए। हमारे महापुरुषों की वीर गाथा नई पीढ़ी की जुबान पर होनी चाहिए। हमारा गौरवपूर्ण इतिहास नई पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए।
यह आह्वान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को यहां प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ में महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किया। उन्होंने कहा कि इतिहास में तोड़-मरोड़कर दी गई जानकारी और त्रुटियों को सुधारने की आवश्यकता है। नई पीढ़ी भी तो जाने कि हमारे महापुरुष मातृभूमि और मातृशक्ति की आन-बान-शान बचाने के लिए बलिवेदी पर न्यौछावर हो गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 100 करोड़ की प्रताप टूरिस्ट सर्किट योजना की तैयारी की है, ताकि यहां घूमने आने वाले सैलानी यहां के शूरवीरों की गाथा को अपने साथ ले जा सकें। उन्होंने वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष का उदाहरण सुनाते हुए भी कहा कि उन्होंने भी भारत यात्रा के दौरान महाराणा प्रताप की समाधि के बारे में पूछा था और कहा था कि उन्हीं के जीवन-संघर्ष ने वियतनाम को अपनी मातृभूमि के लिए बड़ी शक्तियों से भी लोहा लेने की प्रेरणा दी।
आरंभ में सीएम ने महाराणा प्रताप को नमन करते हुए बप्पा रावल, महाराणा सांगा, महाराणा कुंभा आदि महापुरुषों का स्मरण किया। सीएम ने महाराणा प्रताप जयंती पर विशेष संयोग का जिक्र करते हुए कहा कि इस संयोग में देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे।
इन्होंने किया स्वागत
मंच पर जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक, जीएम ग्रुप के चेयरमैन रमेश जैन, जी बिजनेस के प्रबंध सम्पादक अनिल सिंघवी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, महामंत्री पवन शर्मा, कोषाध्यक्ष अशोक पुरोहित, जयंती समारोह के संयोजक सीए महावीर चपलोत, समिति के सदस्य चंद्रगुप्त सिंह चौहान, अभय सिंह राठौड़, जयदीप आमेटा, विवेक बोहरा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने महाराणा प्रताप जयंती समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन डॉ. सतीश अग्रवाल ने किया।