नई दिल्ली, 05 जून । नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना की 11.8 किमी लंबी हेड रेस टनल के लिए खुदाई का काम पूरा होने पर आखिरी विस्फोट किया। अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का क्रियान्वयन एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

इस दौरान नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत; नेपाल प्रांत एक के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र कार्की, नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा, नेपाल निवेश बोर्ड के सीईओ सुशील भट्ट, एसएपीडीसी के सीईओ अरुण धीमान, एसजेवीएन के कार्यकारी निदेशक राकेश सहगल, नेपाल सरकार और स्थानीय अधिकारियों के अन्य अधिकारी सुरंग सफलता समारोह में उपस्थित थे।

समारोह को संबोधित करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री ने ‘प्रचंड’ कहा कि यह सफलता हमें स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करने और क्षेत्र के सतत विकास में योगदान देने के लक्ष्य के करीब लाती है। उन्होंने चल रहे प्रयासों के लिए सराहना व्यक्त की और अरुण-3 जलविद्युत परियोजना को समय पर पूरा करने की सुविधा के लिए नेपाल सरकार की प्रतिबद्धता जताई।

नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ पिछले साल बिजली के आयात के लिए दीर्घकालिक बिजली व्यापार समझौते पर सहमत हुए थे। उन्होंने कहा कि निर्यातोन्मुख 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का पूरा होना, इसके लिए एक बड़ा मील का पत्थर होगा।

एसजेवीएन के सीएमडी सुशील शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि हेड रेस टनल की सफलता 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि हेड रेस टनल का सफल समापन अरुण नदी की जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

सीएमडी ने प्रधानमंत्री को परियोजना की प्रगति और संबंधित 217 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परियोजना का 74 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अरुण-3 जलविद्युत परियोजना अगले साल तक बिजली पैदा करना शुरू कर देगी और इसमें हर साल 3,924 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हम नेपाल सरकार, स्थानीय अधिकारियों और समुदाय के अटूट समर्थन के लिए आभारी हैं। यह परियोजना ऊर्जा क्षेत्र में भारत और नेपाल के बीच मजबूत साझेदारी, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त करने के हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है।

अपनी नेपाल यात्रा के दौरान एसजेवीएन के सीएमडी ने नेपाल के मुख्य सचिव डॉ. बैकुंठ आर्यल और नेपाल के गृह सचिव एकनारायण आर्यल से भी मुलाकात की और नेपाल में अरुण घाटी में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।