कोलकाता, 13 अक्टूबर । संतों के दर्शन से दुख की निवृति होती है।यह मनुष्य का शरीर दुर्लभ है।इस शरीर से साधना कीजिए।ऋषि योगेश्वर का कहना है शरीर से करोड़ों ज्यादा गुणा दुर्लभ है सत्संग। जो भगवान के पथ पर चलते हैं वही वैष्णव है।वैष्णव जन मन,वचन और बुद्धि से जो भी कार्य करते हैं उसे भगवान को समर्पित करते हैं।वैष्णव अपने को ईश्वर का दास समझते हैं।जो सबमें ईश्वर का दर्शन करता है वह उत्तम कोटि का भक्त होता है। आम या जामुन साल भर में एक बार फल देता है पर माली हमेशा पानी-खाद देता है।उसी तरह हमें प्रतिदिन भगवान का भजन करना चाहिए तभी एक दिन भगवान दर्शन का फल मिलता है। दुर्गुणों को छोड़े बिना ईश्वर का दर्शन नहीं होता। उद्धव एक दिन श्रीकृष्ण से बोले कि आप तो अपने परमधाम जा रहे हैं। मैं यह दुख नहीं सह सकता ।कृष्ण ने कहा तू अपने विवेक से दुख सह लेगा ।जीवन की विपत्तियों में विवेक रक्षा करता है। अपनी इच्छाओं का त्याग करना बड़ा तप है। जीवन में दूसरों को क्षमा करना सबसे बड़ा दान है। जिस व्यक्ति अपना स्वभाव जीत लिया है वही शूरवीर है।जीवन में सबसे बड़ा साथी धर्म है।प्राणायाम सबसे बड़ा बल है।जीवन में ईश्वर को पाना लाभ है और भगवान को न पाना हानि।अपने शरीर को जो अमर समझता है,वह मूर्ख है।वेद व्यास का कहना है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को छोड़कर धर्म को जीवन में धारण करना चाहिए। धर्म होगा तो ईश्वर साथ होगे।जीवन मिला है पल-पल ईश्वर को स्मरण करते रहिए। हिंसा कभी नहीं करना चाहिए। सत्यवादी समाज में सम्मान पाता है। जो अपने गुरु की बातों को मानता है उसे विवेक की दृष्टि मिलती है।दत्तात्रेय जी का कहना है उन्होंने 24 गुरुओं से मिली शिक्षा को आत्मसात कर ,तनाव मुक्त होकर यह मस्ती पाई है।
ये बातें गौ कल्याण ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए श्रीकांत शर्मा ‘बालव्यास’ ने गणपति राजेश सभागार में कहीं। मालूम हो कि यह श्रीमद्भागवत कथा सुरभि सदन गौशाला के निर्माण, विकास और संचालन हेतु आयोजित की गई है।कथा को सफल बनाने में ट्रस्टीगण मुरारीलाल दीवान, चम्पालाल सरावगी,बनवारीलाल सोती,सत्यनारायण देवरालिया, बृजमोहन गाड़ोदिया, बालकिसन बालासरिया,विश्वनाथ सेकसरिया, प्रेमचंद ढांढनिया, कृष्ण कुमार छापड़िया,राजेन्द्र प्रसाद बुबना,बालकिसन नेवटिया अरुण केडिया व स्वागत समिति के सदस्य प्रकाश केडिया,विनोद केडिया,रामस्वरूप गोयनका,राहुल दीवान,सिद्धार्थ दीवान, संजय मस्करा,रमेश अग्रवाल, सोनू पोद्दार, विनय मस्करा,प्रणव नेवटिया,संगीता-अनूप चूड़ीवाल सहित अन्य सदस्य सक्रिय रहे।इस अवसर प्रदीप तोदी,रमाकांत बेरीवाल, सत्य नारायण देवरालिया,रामकिशन गोयल, संदीप गर्ग,अंबिका बाजोरिया, शशि-दुर्गा प्रसाद पोद्दार,तारा गोयनका,सावित्री-महावीर प्रसाद, गणमान्य लोग मौजूद रहे।