नई दिल्ली, 3 जून। लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस के प्रक्रिया पर सवाल उठाने पर भाजपा ने पलटवार करते हुए इसे हार की निराशा बताया है। भाजपा ने कहा कि चुनाव में हार की निश्चितता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस अपरिहार्य हार की संभावना से बौखला गई है और अनर्गल बातें कर रही है। लोकतंत्र पर सवाल उठा रही है।
सोमवार को भाजपा मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेसवार्ता में राज्यसभा सदस्य और भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। अगर आप भाजपा और हमारी सरकार के खिलाफ ऐसा करते हैं तो हम इसे स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन जब लोकतंत्र के खिलाफ ऐसा करते हैं तो यह स्वीकार्य नहीं है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे चुनाव के दौरान हमारा आदर्श वाक्य ‘विकास और विश्वास’ था, जबकि विपक्ष का आदर्श वाक्य ‘प्रचार और भय पैदा करें’ था। अब चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो गई है, परिणाम के लिए कुछ ही घंटों का इंतजार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपरिहार्य हार के कारण बौखला गई है। कांग्रेस की कोई पहली हार नहीं है। चुनाव में कांग्रेस ने कई बार सरकारें खोई हैं। वर्ष 1967 में तमिलनाडु में और वर्ष 1977 में पश्चिम बंगाल में सत्ता खोने के बाद कभी भी सत्ता में वापस नहीं आई। वर्ष 1989 में कांग्रेस उत्तर प्रदेश और बिहार में हार गई और वे कभी सत्ता में वापस नहीं आई। वर्ष 1990 में कांग्रेस ने गुजरात खो दिया और वहां कभी सत्ता में नहीं आई। अब विपक्ष भड़काऊ बातें कर लोगों में भ्रम फैलाने का काम कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान में दावा किया कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह देशभर में जिला मजिस्ट्रेट को फोन कर रहे हैं। इस कवायद का मकसद उन्हें प्रभावित करना है। रमेश के मुताबिक गृह मंत्री अबतक 150 से अधिक जिलाधिकारियों को कॉल कर चुके हैं। कांग्रेस नेता जयराम के इस बयान पर चुनाव आयोग ने जवाब मांगा है।