ऊपरी से निचले असम तक की साहसिक यात्रा 13 दिन में करेंगे पूरी
डिब्रूगढ़ (असम), 01 जून । डिब्रूगढ़ के चार युवाओं का एक समूह आज ब्रह्मपुत्र नद के बढ़ते जलस्तर की परवाह किये बगैर एक साहसिक यात्रा पर निकला है। डिब्रूगढ़ के बोगीबिल पुल के परिसर से ब्रह्मपुत्र के उफनते जल के रास्ते सुदूर गुवाहाटी तक की 13-दिवसीय साहसिक यात्रा आरंभ हुई है। यह यात्रा बांस या केले के पेड़ के तनों से बनी नाव से नहीं बल्कि ब्रह्मपुत्र की तेज लहरों, बरसाती बाढ़, पानी, धूप, बारिश, हवा और तूफान के बीच सिर्फ प्लास्टिक की बोतलों से तैयार की गयी नाव के जरिए आरंभ हुई है।
धीरज विकास गोगोई द्वारा डिब्रूगढ़ में अपशिष्ट जल की बोतलों के साथ विशेष रूप से एक विशेष नाव का निर्माण किया गया है। यह उस बेकार प्लास्टिक की बोतल की नाव के माध्यम से ऊपरी से निचले असम तक की यात्रा है। यह डिब्रूगढ़ बोगीबील से गुवाहाटी तक की यात्रा है, जिसमें ‘प्लास्टिक-मुक्त ब्रह्मपुत्र’ और ‘नदी पर्यटन’ उनके विषयों के रूप में हैं। ब्रह्मपुत्र की उफनती जलधारा पर पानी की कुल 3,000 बोतलों के साथ तीस फुट लंबी और आठ फुट चौड़ी नाव में चारों युवक हर दिन यात्रा करेंगे। रात ब्रह्मपुत्र के चापरी (नद के छाड़न वाले इलाके) में बिताएंगे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले विकास गोगोई ने तीन अन्य युवकों के साथ 2021 में प्लास्टिक की बोतलों से बनी नाव के जरिए डिब्रूगढ़ से माजुली की यात्रा की थी। चारों युवक ब्रह्मपुत्र के रास्ते यात्रा अवधि के दौरान विभिन्न स्थानों पर प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी कार्य करेंगे। धीरज विकास गोगोई ने आज इसी उद्देश्य और लक्ष्य के साथ इस सफर की शुरुआत की। धीरज विकास गोगोई की यात्रा को आज असम वितरण निगम के अध्यक्ष ऋतुपर्णा बरुवा ने रवाना किया।
विभिन्न शुभचिंतकों और प्रकृति-प्रेमी संगठनों ने नदी पर्यटन के साथ-साथ प्लास्टिक मुक्त ब्रह्मपुत्र के साथ महाबाहु ब्रह्मपुत्र की यात्रा की शुभकामनाएं दी।