कोलकाता, 31 मई । एक जून को पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान संपन्न हो जाएगा। पश्चिम बंगाल में 33 सीटों पर वोटिंग संपन्न हो चुकी है और नौ सीटों पर मतदान होना है। ये सभी सीटें राजधानी कोलकाता के अलावा उत्तर व दक्षिण 24 परगना में हैं। इन सभी पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। इस बार के चुनाव में पार्टी के लिए अपनी धाक जमाये रखने की चुनौती है। साथ ही, महिलाओं पर अत्याचार और जमीन कब्जाने के आरोपों के कारण राष्ट्रीय सुर्खियां बने बशीरहाट के संदेशखाली पर भी लोगों की निगाहें रहेंगी।
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में शनिवार को पश्चिम बंगाल की दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर सीट पर मतदान है। इन सभी सीटों पर 2019 में लोकसभा चुनाव में तृणमूल ने जीत हासिल की थी।
इन नौ लोकसभा क्षेत्रों के परिणाम दक्षिण बंगाल क्षेत्र में तृणमूल के दबदबे के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। तृणमूल कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम-कांग्रेस गठबंधन से मिल रही चुनौतियों के बीच इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में जुटी है।
तृणमूल के कद्दावर नेता अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर से चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी इस सीट को आदर्श निर्वाचन क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करती है जबकि विपक्ष इसे हिंसा की प्रयोगशाला के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यही वजह है कि सातवें चरण में इस सीट पर होने वाला चुनाव दिलचस्प हो गया है।
दो बार के सांसद अभिषेक बनर्जी का मुकाबला मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रतिकुर रहमान और भाजपा के अभिजीत दास से है।
अल्पसंख्यक बहुल बशीरहाट लोकसभा सीट और विशेषतौर पर संदेशखाली खंड में होने वाली चुनावी जंग पर पूरे देश की निगाह है। यहां स्थानीय तृणमूल नेताओं द्वारा महिलाओं पर अत्याचार और भूमि हड़पने के आरोपों के कारण सियासत काफी गर्मा गयी थी।
भाजपा ने इन मुद्दों पर मुखर होकर प्रदर्शन करने वाली स्थानीय महिला रेखा पात्रा को तृणमूल के कद्दावर नेता हाजी नुरुल इस्लाम के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पात्रा के चुनाव प्रचार से पहले खुद उनसे मुलाकात की थी और उनका मनोबल बढ़ाया था।
माकपा ने पूर्व विधायक निरापद सरदार को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
कोलकाता उत्तर सीट से तीन बार के तृणमूल सांसद और अनुभवी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय का मुकाबला चार बार के तृणमूल विधायक रहे भाजपा उम्मीदवार तापस रॉय से है। रॉय ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है।
दमदम लोकसभा सीट पर चुनावी हालात पांच साल पहले की तुलना में काफी बदल गये हैं। ऐसे में, इस सीट पर मौजूदा तृणमूल सांसद सौगत रॉय को भाजपा से कड़ी चुनौती के मिलने के बावजूद संभावना अच्छी हो सकती है।
माकपा ने पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य और राज्य की राजनीति से जुड़े सुजन चक्रवर्ती को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। भाजपा ने तृणमूल के पूर्व विधायक शीलभद्र दत्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है।
तृणमूल के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जानी वाली जादवपुर सीट भी उसके लिए नाक का सवाल बनी हुई है। ममता बनर्जी ने 1984 में माकपा के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर अपना पहला चुनाव यहीं से जीता था और राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बनाई थी।
दक्षिण बंगाल क्षेत्र पारंपरिक रूप से तृणमूल का गढ़ रहा है, जिसमें पार्टी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण 24 परगना की 31 में से 30, उत्तर 24 परगना की 33 में से 29 और कोलकाता की सभी 16 सीट पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में इतिहास दोहरा पाना सत्तारूढ तृणमूल के लिए बड़ी चुनौती है।