मऊ, 29 मई । जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को नागरिक अभिनंदन समारोह में कहा कि जिस जम्मू-कश्मीर में लोग जाने से घबराते थे, अब वह वाकई में स्वर्ग बन चुका है। आज वह जम्मू-कश्मीर पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना-पहचाना जाने लगा है।

मनोज सिन्हा उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के एक प्लाजा में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन मां वैष्णो देवी यात्रा समिति ने किया था। सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ। जिन इलाकों में पहले 5 से 7 प्रतिशत मतदान होते थे वहां अब 57 से 58 प्रतिशत मतदान हुआ है। जिस जम्मू-कश्मीर में लोग जाने से घबराते थे अब आप वहां महसूस करेंगे कि वाकई अब वह स्वर्ग बन चुका है। सिन्हा ने कहा कि यह बदलाव केवल जम्मू-कश्मीर नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा है।

उन्होंने कहा कि चार साल पूर्व उनको जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी मिली। पहले मुझे यह कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण लगा। मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे यहां जाना पड़ सकता है लेकिन बाद में जब मैंने वहां के बारे में जाना व समझा, आज समझ में आता है कि वहां का कार्य मऊ और गाजीपुर में कार्य करने से भी ज्यादा आसान है। जो जम्मू-कश्मीर पहले कुछ और कर्म से सुर्खियों में होता था, पड़ोसी देश के इशारे पर आगजनी, गोलाबारी, सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी, स्कूल बाजार हड़ताल इत्यादि हुआ करते थे, आज वह जम्मू-कश्मीर पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना पहचाना जाने लगा है।

उपराज्यपाल सिन्हा ने भारत के वैभवशाली अतीत का जिक्र कर कहा कि भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था। सोने की चिड़िया से तात्पर्य यह नहीं है भारत में सोने की खदान थे बल्कि यहां के उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान, ज्ञान, संस्कृति, संस्कार व शिक्षा ही हमारे मूलभूत आधार थे। हमारी संस्कृति विश्व में सबसे अगली कतार में खड़ी रही। हम नेतृत्वकर्ता के रूप में रहे, जिसके चलते भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। बीच में अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई व आक्रांताओं के चलते हमने अपना गौरव खो दिया था। आज भारत पुनः अपनी पुरानी स्थिति की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।

सिन्हा ने कहा कि आज भारत स्टार्टअप के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है। दुनिया के किसी भी क्षेत्र में युद्ध में लोग आशा भरी निगाहों से हमें देखते हैं, समाधान हमसे चाहिए। इराक या सूडान में जब भारतीय संकट में थे, भारतीय विमान उतरते ही दोनों देश युद्ध विराम कर देते थे। दुनिया के किसी भी भूभाग में दैवी आपदा में आज भारत ही मानवता की सेवा के लिए सबसे आगे नजर आता है। शताब्दी का सबसे बड़ा संकट कोरोना काल में भारत ने वैक्सीन बनाया जिसने केवल 140 करोड़ भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम लोगों की जान बचाई। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। अनेक लोगों ने बलिदान देकर देश के अस्मिता की रक्षा की है। आज पुनः विकसित भारत के लिए पूर्वांचल का योगदान सबसे आगे होना चाहिए। वह दौर बीत गया जब मकान, शौचालय, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी न्यूनतम नागरिक सुविधाओं के लिए भी हमें तरसना पड़ता था। आज हम उस स्थिति में पहुंच चुके हैं जहां हमारा सम्मान पूरे विश्व में बढ़ा है।

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को युवाओं के लिए एक बेहतर उपहार बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में ही वह शक्ति है जो भारत को पुनः सोने की चिड़िया बनाएगी। उन्होंने भव्य श्रीराम मंदिर, बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ कॉरिडोर सहित तमाम धार्मिक क्षेत्र के विकास को सांस्कृतिक पुनर्जागरण बताते हुए कहा कि आज देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का दौर चल पड़ा है। इतिहास सबक भी देता है।

कार्यक्रम में आगंतुकों के प्रति श्रीराम जायसवाल और संयोजक वेदनारायण मिश्रा ने आभार प्रकट किया। मनोज सिन्हा के नागरिक अभिनंदन के दौरान सनातन प्रहरी के रूप में नगर में अनवरत सुंदरकांड का पाठ करने वाले हनुमान सेवा समिति के चंद्रशेखर अग्रवाल चंदू बाबू, लोकसेवा न्यास के आनंद प्रताप सिंह, ब्रह्माकुमारी से बीके निर्मला दीदी, मऊ महादेव मंदिर समिति से मुकेश चौधरी रामसकल चौहान, पूर्वांचल के मालवीय कहे जाने वाले कृष्ण मोहन त्रिपाठी, प्रकाश मेडिकल ग्रुप प्रकाश चंद्र राय, जयसवाल समाज जिलाध्यक्ष लाल बहादुर जायसवाल, ग्राम प्रधान कासिमपुर पंकज पांडे, लावारिस शव अंत्येष्टि करने वाले पीएन सिंह व मॉर्निंग सिंडिकेट से लल्लन राय समेत कई गण्यमान्य मौजूद रहे।