नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर। दिल्ली के श्रम मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि अब निर्माण स्थलों पर महिला एवं पुरुष श्रमिकों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की जायेगी।

आनंद ने गुरुवार को दिल्ली भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड  के अपर मुख्य सचिव, उपायुक्त एवं बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इसमें कई निर्णय लिये गये । अभी तक सभी निर्माण स्थलों पर पुरुष और महिला श्रमिकों द्वारा एक ही शौचालय इस्तेमाल किया जाता था, जिसका संज्ञान लेते हुए आनंद ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द निर्माण स्थलों पर महिला एवं पुरुष श्रमिकों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की जाए।

महिला एवं पुरुष श्रमिकों के बीच समान कार्य के लिए मिलने वाली मजदूरी और भत्तों में असमानताओं को देखते हुए श्रम मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इन असमानताओं को जल्द से जल्द दूर कर समान कार्य के लिए समान भत्तों के निस्तारण को सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि लेबर कार्ड रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल और क्लेम के लिए सभी जिलों में बनाई गई हेल्प डेस्कों पर पारदर्शिता लाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। श्रम बोर्ड की तरफ से दी जाने वाली दुर्घटना बीमा के बेहतर क्रियान्वन के लिए पॉलिसी को पुनः समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। साथ ही निर्माण श्रमिकों को बेहतर कौशल विकास के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के ज़रिए प्रशिक्षण दिलाया जाए ताकि वह अपने कौशल में ज्यादा दक्षता हासिल कर सकें।

आनंद ने कहा कि निर्माण श्रमिकों को विभाग द्वारा दी जाने वाली सभी योजनाओं की जानकारी नहीं मिलने के कारण समय से सभी योजनाओं का लाभ निर्माण श्रमिकों तक नहीं पहुंच पाता। इसकी जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए सभी संचार के सभी माध्यमों का इस्तेमाल किया जाए।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की कोशिश है कि वह दिल्ली के सभी निर्माण श्रमिकों और कामगारों के जीवन को सुगम और बेहतर बना सके, ताकि सभी सम्मान से अपना जीवन व्यतीत कर सकें।