कोलकाता, 25 मई। पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल जंगल महल क्षेत्र और भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाले मेदिनीपुर इलाके में शनिवार को छठे चरण के तहत मतदान सुबह 7:00 शुरू हुआ। इस क्षेत्र के पांच जिलों में आठ लोकसभा क्षेत्र आते हैं। तमलुक, कांथी, घटाल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्रों में सुबह 7:00 से वोटिंग शुरू हुई है। भीषण गर्मी और धूप से बचने के लिए सुबह-सुबह ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतार लग गई।
79 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा बांकुड़ा और झाड़ग्राम से 13-13, इसके बाद पुरुलिया से 12, मेदिनीपुर, कांथी और तमलुक से 9-9 तथा घाटाल और विष्णुपुर से 7-7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, पश्चिम बंगाल में छठे चरण के लिए सीएपीएफ की कुल 1,020 कंपनियां तैनात की गई हैं। इनमें से 919 को मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया है। शेष 101 कंपनियों में से अधिकांश को त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के हिस्से के रूप में तैनात किया गया है और एक छोटा हिस्सा रिजर्व में रखा गया है।
पिछले लोकसभा चुनाव में इन आठ सीट में से पांच पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी और तीन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। घटाल अब भी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है और उसे छोड़कर पूर्वी मेदिनीपुर जिले में राजनीतिक समीकरण बदल गये हैं। जिले में तमलुक और कांथी लोकसभा सीट हैं, जिन पर ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस ने 2019 में जीत हासिल की थी।
आदिवासी कुर्मी और महतो समुदायों को लक्षित कल्याणकारी योजनाओं के जरिये तृणमूल कांग्रेस के अपना प्रभाव बढ़ाने के बावजूद, शुभेंदु अधिकारी के 2021 में पाला बदलने से क्षेत्र में शक्ति संतुलन भाजपा के पक्ष में हो गया माना जाता है।