कोलकाता, 21 मई । हाउसिंग एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हिडको) की जमीन पर कब्जा कर उस पर पर राजनीतिक दलों के दफ्तर बनाए जाने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने तीखी नाराजगी जताई है। जस्टिस अमृता सिन्हा ने राजारहाट इलाके में हिडको की जमीन पर कब्जा कर पार्टी कार्यालय बनाने के मामले में तत्काल काम बंद करने का आदेश दिया है।
जस्टिस सिन्हा ने मंगलवार को सीपीएम और बीजेपी के चार कार्यालयों के निर्माण को तत्काल रोकने का आदेश दिया।
जस्टिस सिन्हा ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को उस क्षेत्र में हिडको की जमीन पर बने सीपीएम और बीजेपी पार्टी कार्यालयों को ध्वस्त करने के संबंध में निर्णय लेना चाहिए। इससे पहले 10 मई को न्यायमूर्ति सिन्हा ने राजारहाट और न्यू टाउन इलाके में हिडको की जमीन पर अवैध रूप से बने तीन तृणमूल कार्यालयों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
उस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय को सूचित किया गया था कि न्यू टाउन और राजारहाट इलाके में हिडको की जमीन पर कब्जा करके विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा 35 और कार्यालय बनाए गए थे। उनमें से कुछ अभी भी निर्माणाधीन हैं। नाराज जस्टिस सिन्हा ने हिडको अधिकारियों से पूछा, “वे अपनी संपत्ति की रक्षा क्यों नहीं कर सकते?” क्या हिडको के पास अवैध निर्माण को रोकने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है?”