काठमांडू, 18 मई। नेपाल की संसद के बजट सत्र में पिछले छह दिनों से जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ विपक्षी दल के नेताओं के लगातार संपर्क में हैं। प्रचंड ने शनिवार सुबह प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविन्द आचार्य ने मीडियाकर्मियों को बताया कि प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के नेताओं से संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाने को लेकर कई बिंदुओं पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों की मांग पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए सहकारी घोटाले की जांच के लिए संसदीय जांच समिति गठित करने की मांग पर सहमति जताई है।

हालांकि बातचीत के बाद प्रधानमंत्री आवास से बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत में नेपाली कांग्रेस के उपसभापति पूर्ण बहादुर खड्का ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा की तरह हमारी मांग पर सकारात्मक तो दिखे लेकिन अपने ही सत्तापक्ष को समझाने में वो नाकाम रहते हैं। खड्का ने बताया कि हमारी मांग स्पष्ट है या तो गृहमंत्री अपने पद से इस्तीफा दें या फिर उनके द्वारा जितने भी सहकारी संस्थाओं से अवैधानिक तरीके से पैसों की निकासी की गई है, उसकी जांच संयुक्त संसदीय जांच समिति से कराई जाए।

इसी बीच गृहमंत्री रवि लामिछाने ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि यदि जांच समिति गठित की गई तो उनकी पार्टी के सभी मंत्री ना सिर्फ सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे बल्कि सरकार से समर्थन भी वापस ले लेंगे। नेपाली कांग्रेस ने गृहमंत्री लामिछाने की इस धमकी को सत्ता के साथ ब्लैकमेलिंग करार दिया है। कांग्रेस के प्रमुख सचेतक रमेश लेखक ने कहा कि गृहमंत्री को अच्छी तरह पता है कि उनकी पार्टी के समर्थन से ही सरकार टिकी हुई है और उनके समर्थन वापस लेते ही सरकार गिर जाएगी इसलिए जांच से बचने के लिए लामिछाने सरकार छोड़ने की धमकी दे रहे हैं।