कोलकाता, 17 मई । कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली की भाजपा नेता मम्पी दास को तुरंत रिहा करने को कहा है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस जय सेनगुप्ता ने गिरफ्तारी पर कई सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तार क्यों किया, इसकी विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार दे।
मम्पी ने गिरफ्तारी के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने गिरफ्तारी को अवैध बताया। मामले की सुनवाई शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सेनगुप्ता की बेंच में हुई। जज ने कहा कि याचिकाकर्ता को निजी मुचलके पर तुरंत हिरासत से रिहा किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ धारा 195ए के तहत दर्ज शिकायत भी निलंबित कर दी जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस सेनगुप्ता ने मम्पी की गिरफ्तारी पर कई सवाल उठाए। आरोप है कि मम्पी की गिरफ्तारी के मामले में धारा 195ए को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। जज ने पूछा कि मजिस्ट्रेट ने क्या किया ? अनुच्छेद 195ए पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं। फिर उन्होंने हिरासत में भेजने का आदेश कैसे दे दिया ? ऐसी गिरफ्तारी के पीछे का मास्टरमाइंड कौन है ? इस मामले को कौन अधिकारी देख रहा है?
राज्य को संबोधित करते हुए जस्टिस सेनगुप्ता ने कहा कि इस तरह से किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। उनकी टिप्पणी कि शायद आपको इस अदालत की परवाह नहीं है लेकिन कम से कम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करें।
शुक्रवार को मम्पी के वकील राजदीप मजूमदार ने कोर्ट को बताया कि सात मई को उनके मुवक्किल के खिलाफ जमानती धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। दो दिन बाद पुलिस ने धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया। उन्हें 14 मई को तब गिरफ्तार किया गया था जब उन्होंने निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और जमानती धारा के तहत जमानत मांगने गए थे। बाद में निचली अदालत ने 12 दिन की हिरासत की याचिका मंजूर कर ली। निचली अदालत ने पहले दिन पुलिस केस डायरी देखे बिना ही उसे हिरासत में भेज दिया।