नई दिल्ली, 6 मई। कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र देने के बाद राधिका खेड़ा आज मीडिया के सामने कांग्रेस पर हमलावर दिखीं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी की हर बैठक ‘रघुपति राघव राजा राम’ से शुरू होती थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि वह पार्टी राम विरोधी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं कभी नहीं सोच सकती थी कि जिस पार्टी का नारा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ उस पार्टी का नारा बदल कर ‘लड़की हो तो पिटोगी’, हो जाएगा।
राधिका खेड़ा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के साथ छत्तीसगढ़ में पार्टी का मीडिया विंग संभाल रही थीं। उन्होंने कल कांग्रेस से त्याग पत्र दे दिया। उसके बाद कांग्रेस पार्टी की ओर कोई अधिकारिक बयान नहीं आने पर वह काफी क्षुब्ध दिखीं।
राधिका खेड़ा ने कहा कि उनके द्वारा शिकायत करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की चुप्पी अभी भी मुझे परेशान कर रही है।
राधिका खेड़ा ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक नेता सुशील आनंद शुक्ला ने अपने दो साथियों के साथ रायपुर के पार्टी ऑफिस में उनके साथ अभद्रता करने की कोशिश की।
राधिका खेड़ा ने कहा कि जब घटना के बारे में पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश तक को जानकारी दी गई तो भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कांग्रेस पार्टी से अपने इस्तीफे पर राधिका खेड़ा ने कहा कि उन्हाेंने सचिन पायलट को फोन किया लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की। उनके पीए ने मुझे बताया कि सचिन पायलट व्यस्त हैं। उनके पीए की किसी से बातचीत हुई थी। उन्होंने मुझे घटना के बारे में कुछ भी न बोलने, अपना मुंह न खोलने के लिए कहा।
खेड़ा ने कहा कि इसके बाद मैंने भूपेश बघेल, पवन खेड़ा और जयराम रमेश को फोन किया लेकिन उनमें से किसी ने भी जवाब नहीं दिया। बाद में भूपेश बघेल ने मुझे वापस फोन किया तब मैंने कहा उनसे कहा कि मैं राजनीति छोड़ना चाहती हूं लेकिन उन्होंने मुझे छत्तीसगढ़ छोड़ने के लिए कहा और तब मुझे समझ आया कि यह सब एक साजिश थी। इसके बाद हताश होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया।
राधिका खेड़ा ने कहा कि मैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से 3 साल से समय मांग रही हूं लेकिन उनमें से कोई भी मुझसे नहीं मिला। मुझे हमेशा एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भेजा जाता था। यहां तक कि न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी किसी से नहीं मिले। वह आते थे और 5 मिनट के लिए हाथ हिलाते थे और अपने ट्रेलर में वापस चले जाते थे, उनकी न्याय यात्रा नाम मात्र के लिए थी।
राधिका खेड़ा ने कहा कि उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने की कोशिश की लेकिन वह किसी से नहीं मिलीं। वह कहती हैं, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं, लेकिन ‘लड़की हो तो पिटोगी’, कांग्रेस का नारा है। इसका अब पता चल गया।