सख्ती की तो राज्यपाल पर लगाए उत्पीड़न के आरोप
कोलकाता, 3 मई । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाने वाली महिला के बारे में राजभवन की ओर से चौंकाने वाला दावा किया गया है। पता चला है कि वह राजभवन में पूरे राज्य से मिलने वाली शिकायतों को चुनाव आयोग को भेजे जाने से रोक रही थी। इस पर उसे अधिकारियों ने फटकार लगाई , जिसके बाद बाहर जाकर उसने राज्यपाल पर बदसलूकी के आरोप लगा दिए।
राज भवन की ओर से यह भी बताया गया है कि उसका साथ किसी और ने नहीं बल्कि राज भवन में ही काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी ने दिया जो उसका प्रेमी है। उसी को राजभवन के पीस रूम में राज्य भर से मिलने वाली शिकायतों को सुनने और नोट करके चुनाव आयोग को भेजने की जिम्मेदारी दी गई थी।
राजभवन के सूत्रों के अनुसार, ””महिला कर्मचारी अपने कथित प्रेमी की मदद से शिकायतों को भारत के निर्वाचन आयोग को भेजे जाने से रोक रही थी।’’
राजभवन के एक सूत्र ने बताया, ”जब महिला को इसके लिए डांटा गया, तो उसने बाहर जाकर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।’’
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2022 में पदभार संभालने के बाद से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच कटु संबंध रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर उनके बीच कई बार टकराव हुआ है। राजभवन से जारी एक अलग बयान में गुरुवार रात कहा गया है कि राज्यपाल ने मानहानि और संविधान विरोधी बयानों को लेकर पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के कोलकाता, दार्जिलिंग और बैरकपुर के राजभवन परिसरों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है ।
बयान में कहा गया है, ”राज्यपाल ने अपने कार्यालय को यह भी निर्देश दिया है कि वह मंत्री की उपस्थिति वाले किसी भी समारोह में भाग नहीं लेंगे। मंत्री के खिलाफ भावी कानूनी कदमों पर परामर्श के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल से संपर्क किया गया है। राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।