नाएप्यीडॉ 10 अक्टूबर। उत्तर-पूर्व म्यांमार में चीनी सीमा के पास विस्थापित लोगों के एक शिविर पर तोपखाना हमले में कई बच्चों सहित कम से कम 29 लोग मारे गए हैं।

बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि यह शिविर काचिन इंडिपेंडेंस ऑर्गनाइजेशन (केआईओ) द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में है। केआईओ कई उन जातीय विद्रोही समूहों में से एक है जो कई दशकों से स्व-शासन के लिए लड़ रहे हैं।

केआईओ के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि मारे गये सभी लोग आम नागरिक है। यह काचिन राज्य में 63 साल लंबे संघर्ष में सबसे घातक हमलों में से एक है।काचिन अधिकारियों का कहना है कि सैन्य सरकार से लड़ने वाले अन्य विद्रोही समूहों के बीच काचिन के बढ़ते समर्थन के कारण सशस्त्र हमलावरों ने पिछले कुछ सालों में आईओ द्वारा संचालित क्षेत्रों पर हमले बढ़ा दिए हैं।

म्यांमार में 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से देश का अधिकांश हिस्सा व्यापक गृहयुद्ध में उलझ गया है। सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से सेना ने विपक्ष-नियंत्रित कस्बों और गांवों में हवाई हमले किए हैं।

निर्वासित राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) ने शिविर पर हमले के लिए जुंटा को दोषी ठहराया है और इसे ‘युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध’ बताया है। जुंटा के प्रवक्ता मेजर जनरल ज़ॉ मिन तुन ने इस बात से इनकार किया कि हमले के पीछे सेना का हाथ है। उन्होंने दावा किया कि सेना ने क्षेत्र में कोई कार्रवाई नहीं की है और कहा कि हादसा ‘संभवतः’ भंडारित विस्फोटकों के कारण हुआ है।

स्थानीय मीडिया द्वारा साझा की गई तस्वीरों में मलबे से शव निकाले जाते दिख रहे हैं और दर्जनों बॉडी बैग अगल-बगल पड़े हुए हैं।