.नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। धन शोधन मामलों की जांच करने वाली वित्त मंत्रालय की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा की 15 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं जो उन्होंने वन एवं पर्यावरण मंत्री रहते हुए अवैध कमाई के माध्यम से अर्जित की थीं।
ईडी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ये सम्पत्तियां राजा की बेनामी कंपनी मेसर्स कोवई शेल्टर्स प्रमोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर थी। इन्हें राजा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है।
बयान में कहा गया है कि पीएमएलए के तहत स्थापित निर्णायक प्राधिकारी ने कुर्की की पुष्टि की। विज्ञप्ति के मुताबिक ईडी की जांच में पता चला कि राजा पर्यावरण मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान (2004 से 2007 तक) एक गुरुग्राम की एक रियल-एस्टेट कंपनी को पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की। यह कंपनी देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में है और इसके शेयर बीएसई में सूचीबद्ध हैं।
बयान के अनुसार रियल-एस्टेट कंपनी ने बदले में ए. राजा को रिश्वत दी है। यह रिश्वत वर्ष 2007 के आसपास भूमि के लिए कमीशन के रूप में राजा की बेनामी कंपनी के हाथ में गयी।
यह कंपनी राजा ने 2007 में अपनी अपने परिवार के सदस्यों और उनके करीबी पारिवारिक मित्रों के नाम पर गठित की थी। इस कंपनी के गठन का एक मात्र उद्येश्य अपराध की कमाई को ठिकाने लगाने का एक मार्ग निकालना था। इस कंपनी का कोई कारोबार नहीं था।
विज्ञप्ति के अनुसार ईडी की जांच से पता चला कि इस कंपनी को मिले कमीशन के पैसे से कोयंबटूर में लगभग 55 करोड़ रुपये की 45 एकड़ जमीनें खरीदी गयी । ईडी ने पीएमएलए की धारा 8(4) के प्रावधानों के तहत कुर्क की प्रारंभिक कार्रवाई के आदेश दिनांक 20 दिसंबर 2022 को जारी किए थे।
पीएमएलए कानून के तहत दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकरण ने एक जून 2023 को कुर्क की कार्रवाई पर मुहर लगा दी। ईडी ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है।