अहमदाबाद, 26 अप्रैल । पाकिस्तान की जेलों में बंद गुजरात के 35 मछुआरों को 30 अप्रैल को पाकिस्तान सरकार मुक्त करेगी। यह सभी लोग 2 मई को वाघा बॉर्डर पर भारत सरकार को सौंप दिए जाएंगे। मछुआरों के छोड़े जाने की सूचना पर मछुआरों के परिवार में खुशी की लहर दौड़ी है।
पोरबंदर बोट एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख और मछुआरों के अग्रणी जीवनभाई जुंगी ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने सभी छोड़े जाने वाले भारतीय मछुआरों और एक सिविलियन के नाम जारी किए हैं। इसमें पोरबंदर के विजय मोहन नामक खलासी समेत गुजरात के अन्य 34 मछुआरे शामिल हैं। इसके अलावा एक अन्य सिविलियन को भी छोड़ा जाएगा।
जीवणभाई ने बताया कि मुक्त होने वाले सभी मछुआरे पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में डेढ़ से दो साल से बंद हैं। मत्स्याटन के दौरान पाकिस्तानी मरीन ने उनका अपहरण कर लिया था। हाल पाकिस्तान की जेलों में 189 भारतीय मछुआरे बंद हैं। इनमें से 35 मछुआरों के मुक्त होने के बाद पाकिस्तान के जेलों में 154 मछुआरे बंद रहेंगे। इन सभी को भी शीघ्र छुड़ाने की मांग की गई है।
उन्होंने बताया कि मछुआरों की करीब 1200 फिशिंग बोट भी पाकिस्तान मरीन के कब्जे में है। पिछले साल 10 नवंबर, 2023 को दिवाली के त्योहार के पहले पाकिस्तान ने गुजरात के 80 मछुआरों को जेलों से मुक्त किया था। इसके पहले जून और जुलाई, 2023 के दौरान भी दो चरणों में 399 मछुआरों को छोड़ा गया था।