नई दिल्ली, 25 अप्रैल। कांग्रेस पार्टी विरासत कर के मुद्दे पर लगातार सफाई दे रही है। आज पार्टी महासचिव ने एक बार फिर पत्रकार वार्ता कर कहा कि कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ में ‘विरासत कर’ का कोई जिक्र नहीं है।
कांग्रेस की ओर से आज एक बार फिर प्रधानमंत्री के आरोपों का खंडन किया गया। पत्रकारवार्ता में महासचिव जयराम रमेश ने इसका खंडन किया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस सत्ता में आने पर पीढ़ि दर पीढ़ि संपत्ति हस्तांतरण पर कर लगायेगी।
कांग्रेस महासचिव रमेश ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनावी रैलियों में हमारे घोषणापत्र का दुष्प्रचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने ऐसे मुद्दे उठाए जो कांग्रेस के घोषणापत्र में नहीं हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि ‘विरासत कर’ कांग्रेस का एजेंडा नहीं है। असल में 1985 में राजीव गांधी की सरकार ने ने विरासत कर को हटाया था । वहीं भाजपा नेताओं जैसे की अरुण जेटली ने साल 2014-19 के बीच में इसकी वकालत की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि वे बतायें कि कांग्रेस के न्याय पत्र में संपत्ति पुनर्वितरण की बात कही गई है।
एक अन्य विषय पर जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री का बचाव कर रहा है। प्रधानमंत्री की भाषा पर उनके खिलाफ शिकायत किया जाना स्वाभाविक था। लेकिन आयोग ने इस बार भी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत पर उनके बजाय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस भेजा। इससे स्पष्ट है कि चुनाव आयोग उनका बचाव कर रही है।
जयराम रमेश ने कहा कि संवैधानिक आरक्षण में मनमाने ढंग से संशोधन नहीं किया जा सकता। आरक्षण में संशोधन केवल सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षणों की रिपोर्ट के आधार पर ही किया जा सकता है। उसी तरह से न्याय यात्रा के दौरान लोगों के राय मशविरा के बाद आम लोगों की सहमति से पांच न्याय पर आधारित घोषणा पत्र तैयार किया गया है और इसे लागू किया जाएगा।
जयराम रमेश ने कहा कि हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा व भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान जनता की आवाज सुनकर अपना ‘न्याय पत्र’ तैयार किया है। हमारे 5 न्याय- युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, हिस्सेदारी न्याय और 25 गारंटियां भी दीं हैं, क्योंकि हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री आज मंगलसूत्र की बात कर रहे हैं उन्हें यह पता नहीं है कि उनके कार्यालय में भारत की महिलाओं के सबसे ज़्यादा सोने के आभूषण बेचे और गिरवी रखे गए। उन्होंने रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) के आंकड़े की प्रति दिखाते हुए कहा कि 31 मार्च 2024 तक देश के परिवारों ने अपना सोना गिरवी रखकर बैंकों से कुल 1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। ये आंकड़ा केवल बैंकों का है। इसमें असंगठित क्षेत्रों और साहूकारों से लिया गया कर्ज शामिल नहीं है।
जयराम रमेश ने कहा कि 1951 से देश में हर दस साल पर जनगणना कराया जाता रहा है। भारत सरकार की ओर 2021 का जनगणना नहीं कराया गया। इसे कोविड की महामारी वजह बताया जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है विश्व के अधिकांश देशों में उसी समय जनगणना हुआ। अगर यह जनगणना समय पर हो जाता तो दस करोड़ लोगों को सरकारी योजनाओं को फायदा पहुंचता जो नहीं हो पाया।