कोलकाता, 18 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान से पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा ने जलपाईगुड़ी की एक सभा में ममता द्वारा बोले गए तीन वाक्यों पर आपत्ति जताई है। आयोग को पत्र लिखकर उन वाक्यों के मद्देनजर तृणमूल सुप्रीमो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। भाजपा का आरोप है कि जलपाईगुड़ी सभा में ममता ने वोटरों को हिंसा के लिए उकसाया जो मानक आचार संहिता के विपरीत है।
हाल ही में ममता ने जलपाईगुड़ी जिले के मैनागुड़ी में एक जनसभा की थी। उन्होंने कहा था कि वहां कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी कार को निशाना बनाया और ”चोर-चोर” के नारे लगाए। भाजपा की ओर से आयोग को दिए गए पत्र के मुताबिक, इसके बाद ममता ने भाजपा कार्यकर्ताओं को लेकर कहा, ”इतनी हिम्मत, मेरी गाड़ी देखकर कह रहे हैं, चोर-चोर! अगर मुझे मौका मिलता तो मैं जीभ खींच लेती। मैंने वोटिंग के कारण कुछ नहीं कहा।
भाजपा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा, ”ममता ने स्पष्ट रूप से अपने मन की बात व्यक्त की। उनका कहना है कि वह खुद को रोक रही हैं। उन्होंने जो नहीं कहा वह भी बहुत स्पष्ट है। चुनाव के बाद वह फिर से हिंसा शुरू कर देंगी। मुख्यमंत्री की ऐसी टिप्पणियां घृणास्पद और हिंसक हैं। आचार संहिता के मुताबिक चुनाव से पहले ऐसी कोई बात नहीं कही जा सकती।”
जलपाईगुड़ी की सभा से ममता ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा था। कुछ दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री बालुरघाट की सभा में आये थे और दंगाइयों को ”उल्टा लटकाने” की बात कही थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कूचबिहार की सभा में कहा कि चुनाव के बाद चुन-चुन कर भ्रष्टाचारियों को जेल भेजेंगे। इसके बाद ममता ने मोदी और अमित शाह के लिए भी ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसे लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की गई है।