रांची, 10 अप्रैल। झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर की गंभीर स्थिति को देखते हुए कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत संज्ञान की सुनवाई बुधवार को हुई। कोर्ट ने मौखिक कहा कि झारखंड में राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करे जिससे पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर शून्य तक पहुंचे।
मामले में एमिकस क्यूरी सुमित गड़ोदिया ने पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को बेहतर बनाने की जरूरत है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सक, पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था जरूरी है। मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल कर बताने को कहा है कि झारखंड में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर हैं, कितने पद स्वीकृत हैं और कितने पद अभी खाली पड़े हैं? इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर दवाओं की क्या व्यवस्था है? इनके भवन कितने साल पुराने और भवन अभी किस स्थिति में हैं?
इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि झारखंड के सुदूर ग्रामीण इलाकों में सांप के काटने से होने वाली मौत को रोकने के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में सांप काटने की दवा की क्या व्यवस्था है? कोर्ट ने इन सारे बिंदुओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले के अगली सुनवाई दो मई को होगी।