कोलकाता, 04 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के व्यक्तिगत बैंक खातों के साथ-साथ उसके स्वामित्व वाले व्यवसायों से जुड़े खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ईडी के एक सूत्र ने बताया कि प्रक्रिया दो बैंक खातों से शुरू हुई है, एक व्यक्तिगत रूप से शाहजहां के नाम पर है और दूसरा मछली निर्यात इकाई ”मेसर्स शेख सबीना फिश सप्लाई ऑनली” का खाता है, जो शाहजहां की बेटी शेख सबीना के नाम पर पंजीकृत है। ईडी के अधिकारियों ने संबंधित बैंकों के अधिकारियों को इन दोनों खातों में पैसों के लेनदेन पर तुरंत रोक लगाने के लिए लिखा है। साथ ही शाहजहां, उसके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों से जुड़े कुछ अन्य बैंक खातों में लेनदेन के विवरण के बारे में कुछ बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है।
सूत्रों ने कहा कि कुल 15 ऐसे बैंक खाते और इन खातों के माध्यम से 137 करोड़ रुपये के लेनदेन वर्तमान में ईडी अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं। ईडी के अधिकारियों ने पहले ही इस बारे में निश्चित सुराग हासिल कर लिया है कि कैसे शाहजहां ने अपने मछली निर्यात व्यवसाय का इस्तेमाल भारी मुनाफा कमाने के साथ-साथ राशन वितरण घोटाला तथा अन्य घोटालों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की आय को ठिकाने लगाने के लिए किया था।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, यह पहले से पता था कि शाहजहां मछली कारोबार की आड़ में विभिन्न अपराधों से कमाई गई काली कमाई को सफेद करता था। संदेशखाली के ”शेख” एक हाथ में अपना धन देते थे और दूसरे हाथ से वह धन वापस ले लेते थे। ईडी अब उससे पूछताछ कर सारे राज खोलने में जुटी है।
केंद्रीय एजेंसी ने पांच जनवरी को संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले के पीछे के आरोपित मास्टरमाइंड शाहजहां के खिलाफ पहले ही दो अलग-अलग प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। पहली ईसीआईआर राशन वितरण में उसकी संलिप्तता और दूसरी उसके मछली निर्यात व्यवसाय का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करने से संबंधित है।
शाहजहां पर संदेशखाली में स्थानीय किसानों से जबरन कृषि भूमि हड़पने और फिर उसमें खारा पानी बहाकर अवैध रूप से मछली पालन के खेतों में परिवर्तित करने का भी आरोप है। उस पर अन्य मछली पालन फर्म मालिकों पर दबाव डालने का भी आरोप है कि वे अपने खेतों में उत्पादित झींगा को मामूली लाभ पर उसकी निर्यात कंपनी को बेचें, जिसे वह काफी ऊंचे मुनाफे के साथ विदेशों में निर्यात करता था।