ओंकार समाचार
कोलकात, 7 अक्टूबर । :श्रीमद्भागवत कथा साक्षात् श्रीकृष्ण का स्वरूप है। जब हमारे कई जन्मों के पुण्य एकत्र होते हैं और श्रीकृष्ण कृपा करते हैं तब हमें श्रीमद्भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलता है।श्रीमद्भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती हैं।
वृंदावन में जब भक्ति के बेटे ज्ञान और वैराग्य बूढ़े हो गए तो भक्ति ने नारदजी से अपनी पीड़ा बताई । भक्ति की पीड़ा को मुक्त करने के लिए नारद जी ने वेद, उपनिषद आदि सुनाए पर ज्ञान और वैराग्य वैसे बूढ़े रहे। जब नारद के आग्रह पर सनत्कुमार ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाई तब ज्ञान और वैराग्य जवान हो गए,भक्ति में वृद्धि हुई।
भक्ति प्रसन्न होकर बोली ,मैं कहां रहूं?सनत्कुमार ने कहा कि सबके हृदय में निवास करो।तब भगवान बिना बुलाए सबके हृदय में विराजमान हो गए। जीवन में प्रभु की कृपा चाहिए तो भगवान के नाम का जाप बढ़ाएं। ईश्वर की इच्छा में अपनी इच्छा को जोड़ दीजिए तब जीवन में आनंद ही आनंद का अनुभव कीजिए।
ईश्वर और संत किसी को दुख नहीं देते अपितु सब पर कृपा करते हैं। संत दीपक की तरह जलकर जगत में रोशनी फैलाता है।संत का फल है सत्संग। आत्मदेव को जब संतान नहीं हुई तो एक संत ने उन्हें फल दिया कि इसे अपनी पत्नी को खिला दो पर वह उसने फल नहीं खाया, गाय को खिला दिया। गाय से गोकर्ण का जन्म हुआ। गोकर्ण ने जब अपने भाई धुंधुकारी को श्रीमद्भागवत सुनाया तो वह प्रेत योनि से मुक्त हुआ। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से ज्ञान, भक्ति,वैराग्य और मोक्ष की सहज प्राप्ति है। ये बातें राजस्थान गौ कल्याण ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए गणपति राजेश सभागार में कहीं।उन्होंने कहा कि जो अपने गुरु में ईश्वर का दर्शन नहीं करता है उसे सिद्धि प्राप्त नहीं होती ।मालूम हो कि यह श्रीमद्भागवत कथा सुरभि सदन गौशाला के निर्माण, विकास और संचालन हेतु आयोजित की गई है।कथा को सफल बनाने में ट्रस्टीगण मुरारीलाल दीवान, चम्पालाल सरावगी,बनवारीलाल सोती,सत्यनारायण देवरालिया, बृजमोहन गाड़ोदिया, बालकिसन बालासरिया,विश्वनाथ सेकसरिया, प्रेमचंद ढांढनिया, कृष्ण कुमार छापड़िया,राजेन्द्र प्रसाद बुबना,बालकिसन नेवटिया अरुण केडिया व स्वागत समिति के सदस्य विनोद केडिया,रामस्वरूप गोयनका,संजय मस्करा सहित अन्य सदस्य सक्रिय रहे।इस अवसर पर सिद्धार्थ मित्तल,शकुंतला दीवान, मदन अग्रवाल, नीलम नेवटिया, श्रीराम अग्रवाल, सतीश खंडेलवाल आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।