श्रीनगर, 27 मार्च। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को हटाने पर विचार करने के गृह मंत्री अमित शाह के बयान का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि पहले कदम के रूप में केंद्र सरकार जेल में बंद पत्रकारों और कश्मीरियों को बिना किसी आरोप के रिहा कर सकती है।
महबूबा ने कहा कि पीडीपी ने लगातार सैनिकों को धीरे-धीरे हटाने के साथ-साथ कठोर अफस्पा को रद्द करने की मांग की है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा कि देर आए दुरुस्त आए लेकिन ऐसा तभी होगा, जब यह हर साल दो करोड़ नौकरियां पैदा करने या बैंक खातों में 15 लाख जमा करने के खोखले वादे जैसी जुमलेबाजी न हो।
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में अफस्पा हटाने पर विचार करेगी।
एक साक्षात्कार में गृह मंत्री शाह ने यह भी कहा कि सरकार की योजना केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को अकेले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की है।
महबूबा मुफ्ती ने उम्मीद जताई कि सरकार अफस्पा हटाने के मामले में अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेगी, क्योंकि इससे केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को राहत मिलेगी।