-सुनीता-
उदयपुर, 24 मार्च। होली पर जारी भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में राजस्थान के राजसमंद लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार ने सभी को चौंका दिया है। यहां पर नाथद्वारा से विधायक महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी महिमा कुमारी मेवाड़ को उम्मीदवार बनाया गया है। इस टिकट को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे भाजपा की अवसरवादी और समझौतावादी नीति करार देते हुए कहा है कि एक तरफ मेनका गांधी को टिकट देते हुए उनके पुत्र वरुण गांधी का टिकट परिवारवाद के नाम पर काटने की बात कही जा रही है, वहीं राजस्थान के राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में महिमा कुमारी को टिकट दिया गया है, जहां इसी लोकसभा क्षेत्र की नाथद्वारा विधानसभा में विश्वराज सिंह भाजपा के टिकट से चुनाव लड़कर विधायक बने हैं। यहां पर भाजपा के परिवारवाद से दूर रहने के दावों पर सवाल खड़ा हो गया है।
दूसरी ओर, अंदरखाने की चर्चा यह है कि कहीं पति का हाथ मजबूत करने के लिए तो पत्नी को टिकट नहीं दिया गया है, ताकि दोनों साथ मिलकर क्षेत्र के विकास में बेहतर भूमिका निभा सकें। दरअसल, लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में विश्वराज सिंह मेवाड़ से अधिक चर्चा महिमा कुमारी मेवाड़ के चुनाव प्रचार की थी। महिलाओं में वे ‘राणी-सा’ के नाम से न केवल चर्चा में रहीं, बल्कि गांव-ढाणियों में प्रचार के दौरान बैठकों में महिलाओं की बड़ी संख्या उनके इर्द-गिर्द नजर आई थी। संभव है उनके इसी प्रभाव को देखते हुए पार्टी को उनमें नेतृत्व की क्षमता का अहसास हुआ हो और उन्हें अवसर प्रदान किया गया हो।
जो भी हो, पति विधायक और पत्नी के लोकसभा उम्मीदवार बनने पर चर्चा जोरों पर है। इस बीच, राजसमंद से इसी परिवार के विश्वराज सिंह के चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह की उम्मीदवारी की संभावनाओं पर भी विराम लग गया है। चर्चाएं थीं कि लक्ष्यराज सिंह भी लोकसभा टिकट की दौड़ में थे और राजसमंद या चित्तौड़ से उनको मौका मिलने के कयास लगाए जा रहे थे। चित्तौड़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व मौजूदा सांसद सीपी जोशी के उम्मीदवार घोषित हो जाने के बाद राजसमंद पर लक्ष्यराज सिंह के नाम की चर्चाएं टिकीं थीं, वे महिमा कुमारी का नाम घोषित होने के साथ ही थम गईं।