कोलकाता, 22 मार्च । लोकसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद पूरे देश में राजनीतिक रस्साकस्सी शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। राज्य की लगभग सभी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। इनमें कोलकाता की जादवपुर सीट बेहद खास है। जादवपुर यूनिवर्सिटी और दक्षिण कोलकाता का संभ्रांत क्षेत्र होने की वजह से यह इलाका हमेशा सुर्खियों में रहता है। इस बार यहां भी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
किस पार्टी से कौन है उम्मीदवार?
जादवपुर लोकसभा सीट पर लड़ाई इस बार इसलिए खास है क्योंकि यहां से मौजूदा सांसद और फिल्म अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इसलिए तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी की युवा उम्मीदवार सायोनी घोष को टिकट दिया है। सायोनी युवा तृणमूल की चर्चित नेताओं में शामिल हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों में वह केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं और कई बार नोटिस भी मिल चुका है। उनसे पूछताछ भी हुई है। इसके अलावा हिंदू धर्म और शिवलिंग के अपमान को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है।
भाजपा ने अनिर्वाण गांगुली को मैदान में उतारा है जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं। अनिर्वाण पश्चिम बंगाल के प्रबुद्ध लोगों में से एक हैं और राज्य की अस्मिता से जुड़े मुद्दों पर काम करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक समेत अन्य राष्ट्रवादी संगठनों से सीधे तौर पर जुड़े होने की वजह से अनिर्वाण गांगुली का पूरे बंगाल में अच्छा खासा सम्मान है। माकपा की ओर से सृजन भट्टाचार्य को मैदान में उतारा गया है जो राज्य के चर्चित नेताओं में से एक हैं। वह भी पार्टी के लड़ाकू नेता हैं। यहां से कांग्रेस या किसी अन्य दल ने फिलहाल उम्मीदवार नहीं उतारा है। इसलिए त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।
भौगोलिक स्थिति
जादवपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सभी सात विधानसभा क्षेत्र दक्षिण 24 परगना जिले में हैं। जादवपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में बारुईपुर पूरब (अनुसूचित जाति), बारुईपुर पश्चिम, सोनारपुर, भांगड़, जादवपुर, सोनारपुर उत्तर और टॉलीगंज शामिल है। यह 24 परगना जिले में आता है। 24 परगना भारत का छठा सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला जिला है। यह सुंदरवन और कोलकाता से जुड़ा हुआ है। इसकी पहचान जादवपुर विश्वविद्यालय से भी है जहां पढ़ाई के लिए पश्चिम बंगाल से ही नहीं पूरे देश से छात्र आते हैं।
ममता बनर्जी भी लड़ चुकी हैं चुनाव
यह लोकसभा सीट इसीलिए भी खास है क्योंकि यहां से राज्य की सीएम ममता बनर्जी भी चुनाव लड़ चुकी हैं। माकपा के कद्दावर नेता सोमनाथ चटर्जी यहां से सांसद हुआ करते थे लेकिन कांग्रेस की ममता बनर्जी ने 1984 में उन्हें पराजित कर दिया था।
2019 का चुनाव
पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी मिमी चक्रवर्ती ने छह लाख 88 हजार 472 वोट हासिल कर जीती थीं। वहीं, भाजपा के प्रोफेसर अनुपम हाजरा को तीन लाख 93 हजार 233 वोट मिले, वह दूसरे स्थान पर रहे। माकपा के विकास रंजन भट्टाचार्य तीन लाख दो हजार 264 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। इस लोकसभा सीट पर 76.48 फीसदी वोटिंग हुई।