नई दिल्ली, 05 मार्च। कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने से रोकने के लिए केन्द्र सरकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पर दवाब डाल रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता कर सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई की ओर से दिए हलफनामे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में एसबीआई केवल 22 हजार इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए पांच महीने का समय क्यों मांग रहा है? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने की अंतिम तिथि से पहले एसबीआई असमर्थता जताता है। बैंक पर दवाब डाला जा रहा है। लोकतंत्र में जनता को यह जानने का हक है कि किसने, किस पार्टी को, कितना पैसा दिया ।
श्रीनेत ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक करीब 12 हजार करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक पार्टियों को मिले। इसमें सिर्फ भाजपा को करीब 65 सौ करोड़ रुपए मिले। भाजपा परेशान है कि चंदा देने वालों के नाम सार्वजनिक होने पर लोगों को पता चल जाएगा कि कौन, कितना और क्यों पैसे दे रहा था।
एक रिपोर्ट के अनुसार 30 कंपनियों ने भाजपा को करीब 335 करोड़ का चंदा दिया था। इनके ऊपर 2018 से 2023 के बीच एजेंसियों की कार्रवाई हुई थी। इनमें से 23 कंपनियां ऐसी थीं, जिन्होंने पहले कभी किसी भी राजनीतिक पार्टी को चंदा नहीं दिया था।