जयपुर, 16 फ़रवरी। राजस्थान के पूर्व आयुर्वेद राज्यमंत्री राधेश्याम गंगानगर का शुक्रवार को जयपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

परिजनों के अनुसार राधेश्याम यूरिन इन्फेक्शन से पीड़ित थे। गुरुवार को हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें श्रीगंगानगर के मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां से गुरुवार दोपहर बारह बजे हालत बिगड़ती देख उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया। जयपुर में निजी अस्पताल में उपचार के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे उनका निधन हो गया।

राधेश्याम गंगानगर श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे थे। उन्होंने पहली बार 1982 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद उन्होंने प्रो. केदार के निधन के बाद 1993 में एक बार फिर श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। इस बार उनके सामने भाजपा के दिग्गज नेता तत्कालीन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भैरोंसिंह शेखावत थे। राधेश्याम ने भैरांसिंह शेखावत को हराया और विधानसभा पहुंचे।

इसके बाद वे 1998 से 2003 तक विधायक रहे। वर्ष 2003 में भाजपा के सुरेंद्रसिंह राठौड़ से 35 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हारने पर कांग्रेस ने वर्ष 2008 में टिकट नहीं दिया। इस पर वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और वर्ष 2008 के चुनाव में भाजपा से विधायक चुने गए। वर्ष 2013 का चुनाव भी उन्होंने भाजपा टिकट पर लड़ा और नेशनल यूनयनिस्ट जमींदारा पार्टी की कामिनी जिंदल से चुनाव हारे। वर्ष 2018 में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ा, इस बार वे महज 2318 वोट ही हासिल कर सके।

वर्ष 1993 में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भैंरोंसिंह शेखावत को हराकर राधेश्याम गंगानगर चर्चा में आए थे। राधेश्याम गंगानगर को शहर में बाऊजी के नाम से जाना जाता था। उम्रदराज होने और लोगों से नजदीकी संपर्कों के चलते लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे।

शुक्रवार सुबह जब गंगानगर में लोगों को उनके निधन की खबर लगी तो जी ब्लॉक स्थित उनके आवास पर शोक जताने के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। राधेश्याम गंगानगर के पौत्र अनिरुद्ध राजपाल के अनुसार पूर्व मंत्री का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11 बजे पदमपुर रोड स्थित कल्याण भूमि परिसर में किया जाएगा।

राधेश्याम गंगानगर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका विराट व्यक्तित्व एवं कृतित्व देशवासियों के मानस पटल पर सदा अंकित रहेगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परम धाम में स्थान देने व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की।