कोलकाता, 13 फरवरी । उत्तर दिनाजपुर जिले के एक सीमावर्ती गांव में चार नाबालिग बच्चों की मौत मामले में पुलिस ने जांच शुरू की है। जिला पुलिस एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि ये बच्चे सोमवार दोपहर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक नाले को गहरा करने के लिए बीएसएफ द्वारा शुरू किए गए काम को देख रहे थे तभी नाले का एक हिस्सा ढह गया और बच्चे उसके नीचे दब गए जिससे उनकी मौत हो गई ।
घटना के बाद पुलिस और बीएसएफ दोनों ने जांच शुरू कर दी है। तृणमूल नेताओं ने बच्चों की मौत के लिए बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराया है।
सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ ने उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा ब्लॉक के चेतनगच गांव में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक नाले को चौड़ा करने का काम शुरू किया है। सोमवार दोपहर नाले को चौड़ा करने के लिए मिट्टी खोदने के लिए एक बड़ी मशीन लगी थी। ये बच्चे स्थानीय निवासियों के साथ खड़े होकर काम देख रहे थे।
एक ग्रामीण अब्दुल मणि ने बताया कि नाले का एक हिस्सा अचानक ढह गया और लड़के उसके नीचे दब गए। हम उनकी मदद के लिए दौड़े, लेकिन बचाया नहीं जा सका। बीएसएफ जवानों के साथ-साथ स्थानीय लोग बच्चों को चोपड़ा के डोलुआ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों में पांच वर्षीय गोलाम मुस्तफा, छह वर्षीय यूसुफ अली, पांय वर्षीय मोहम्मद इस्लाम और 12 वर्षीय तालेब अली शामिल हैं।
मणि ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र के रास्ते में, उनमें से दो की सांसें चल रही थीं, लेकिन हमारे अस्पताल पहुंचने से कुछ क्षण पहले उन्होंने दम तोड़ दिया। ।
खबर फैलते ही सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गये। उनमें से एक वर्ग ने आरोप लगाया कि बीएसएफ सुरक्षित तरीके से काम नहीं कर रही है। इस्लामपुर पुलिस जिले के एसपी जॉबी थॉमस ने कहा कि जांच जारी है।