लद्दाख के नुब्रा इलाके में टर्मिनल भवन के लिए सरकार ने दी 28 कनाल भूमि को मंजूरी

स्थानीय वास्तुकला, संस्कृति, कला और विरासत पर तैयार होगा नया नागरिक टर्मिनल

नई दिल्ली, 11 फरवरी। चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब लद्दाख के नुब्रा इलाके में थोइस सैन्य एयरबेस को अब नागरिक उड़ानों के लिए नया टर्मिनल भवन बनाने की तैयारी है। अभी तक इस रनवे का इस्तेमाल सशस्त्र बल सैन्य उड़ानों के लिए करते हैं लेकिन इसके बाद यहां से पूरे देश के आम नागरिकों के लिए हवाई कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी। इस टर्मिनल भवन का निर्माण स्थानीय वास्तुकला, संस्कृति, कला और विरासत को देखते हुए आकर्षक तरीके से तैयार किया जाएगा।

लद्दाख के नुब्रा क्षेत्र में थोइस एक छोटा सा गांव है, जहां मौजूद सैन्य हवाई पट्टी भारत और पाकिस्तान के बीच वास्तविक ग्राउंड पोजिशन लाइन के पास एक ग्लेशियर, हेलीपैड और युद्ध के मैदान सियाचिन तक आवाजाही को सक्षम बनाती है। थोईस जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर है और यह सड़क आगे तुरतुक तक जाती है, जो भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित है। यह लद्दाख की राजधानी लेह से लगभग 160 किमी दूर है। थोइस तक खारदुंग ला पर्वत दर्रे से होकर पहुंचा जा सकता है, जो मोटर वाहनों के उपयोग वाली दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है।

भारत और चीन के बीच बीते कुछ सालों से गतिरोध के बीच लद्दाख के नुब्रा इलाके में थोइस हवाई पट्टी के रनवे का इस्तेमाल सशस्त्र बल सैन्य उड़ानों के लिए करते हैं। एलएसी के पास इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की तनातनी के बीच केंद्र की ‘उड़ान योजना’ के तहत लेह से कुछ नागरिक उड़ानें देखी गई हैं, ऐसे में सरकार जल्द ही थोइस के लिए और अधिक यात्री उड़ानों की योजना बना रही है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस सैन्य एयरबेस पर नए नागरिक टर्मिनल भवन निर्माण के लिए 28 कनाल भूमि को मंजूरी दे दी है और जल्द ही एक सलाहकार नियुक्त करने जा रही है।

इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने रविवार को पुष्टि की कि इसके लिए बोलियां भी आमंत्रित की जा चुकी हैं। यहां नागरिक टर्मिनल भवन का निर्माण होने के बाद लद्दाख में दूसरा नागरिक हवाई अड्डा बन जाएगा। दरअसल, इसके निर्माण से चीन को बड़ा संदेश देने की कोशिश है कि भारत एलएसी के पास देश के सुदूर कोनों तक भी नागरिकों के लिए हवाई कनेक्टिविटी की सुविधा ला रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 130 करोड़ रुपये आंकी गई है। थोइस में 5,300 वर्ग मीटर क्षेत्र के साथ एक केंद्रीय वातानुकूलित घरेलू यात्री टर्मिनल भवन बनने की उम्मीद है।

इस डोमेस्टिक पैसेंजर्स टर्मिनल भवन का निर्माण स्थानीय वास्तुकला, संस्कृति, कला और विरासत को देखते हुए आकर्षक तरीके से तैयार किया जाएगा। इस भवन को आधुनिक संरचना के लिहाज से बनाया जाएगा, जिसके इंटीरियर पर भी खासा ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए थोइस में एक सिविलियन एयरपोर्ट की स्थानीय लोगों की लंबे समय से मांग रही है। नए टर्मिनल भवन में प्रस्थान और आगमन क्षेत्र, सुरक्षा होल्ड क्षेत्र और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड भारतीय सेना की सेवा के लिए एक तेल डिपो का निर्माण कर रहा है, जिसकी निगरानी चंडीगढ़ से की जा रही है।