कोलकाता, 31 जनवरी। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बने विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन से अलग होने के बाद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने सांसदों को कांग्रेस से दूरी बनाने का निर्देश दिया है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों को निर्देश दिया है कि दिल्ली में कांग्रेस की किसी भी बैठक में पार्टी के नेता उपस्थित नहीं रहेंगे। बुधवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसे लेकर विपक्षी दलों के बीच समन्वय के लिए कांग्रेस ने बैठक बुलाई है। इसमें तृणमूल कांग्रेस का कोई भी सांसद शामिल नहीं होगा।

इसके पहले संसद के शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर कांग्रेस के हर एक साझा विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

 

राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पार्टी के इस फैसले को ममता बनर्जी का बड़ा कदम माना जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि राज्य में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ममता बनर्जी को मनाने की कोशिश तो कर रही है लेकिन अपनी जिद नहीं छोड़ रही। तृणमूल कांग्रेस राज्य में कांग्रेस द्वारा जीती गई केवल दो सीटें मुर्शिदाबाद की बहरमपुर और मालदा दक्षिण देने को तैयार है जबकि कांग्रेस कम से कम छह सीटें लेने पर अड़ी हुई है और इसी आधार पर ममता को मनाने की भी कोशिश कर रही है। इसी लिए तृणमूल ने सीधे तौर पर कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है।