महिलाओं व चिकित्साकर्मियों के वेश में की छापेमारी

यरुशलम, 31 जनवरी। इजराइली बल ने मंगलवार को वेस्ट बैंक में एक अस्पताल पर छापेमारी कर तीन फलस्तीनी आतंकियों को मार गिराया है। इजराइली बल के सैनिकों ने महिलाओं और चिकित्साकर्मियों के वेश में अस्पताल में घुसे जिससे अस्पतालकर्मी चौंक गए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हमले की निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजराइली सेना पर दबाव डालकर अस्पतालों पर इस तरह के अभियानों को रोकने की अपील की है। कहा, बीते 24 घंटे में गाजा में 114 फलस्तीनी मारे गए हैं और 249 लोग घायल हुए हैं।

फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली बल ने वेस्ट बैंक के जेनिन टाउन में आइबीएन सिना अस्पताल परिसर में धावा बोल दिया। अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि वहां पर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं, इसका मतलब कि यह लक्षित हमला था। वहीं, इजराइली सेना ने बिना साक्ष्य दिए अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कि आतंकी अस्पताल को छिपने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इजराइली बल ने बताया कि मारे गए आतंकियों में एक हमास सदस्य, दूसरा हमास के सहयोगी संगठन इस्लामिक जिहाद से जुड़ा था और तीसरा जेनिन का स्थानीय आतंकी था। दावा किया कि इनमें से एक हमला करने की योजना के तहत हथियार और गोला बारूद एकत्र करने में जुटा था।इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित अस्पताल के सुरक्षा कैमरे के फुटेज में लगभग एक दर्जन गुप्त बल के जवानों को दिखाया गया है, जिनमें से अधिकांश सशस्त्र थे। वे महिलाओं, व चिकित्साकर्मियों की वेशभूषा में थे। सर्जिकल मास्क पहने एक व्यक्ति के एक हाथ में राइफल और दूसरे हाथ में मुड़ी हुई व्हीलचेयर थी।इजरायल बल ने गाजा में बीते सप्ताह मारे गए दर्जनों फलस्तीनियों के शव फलस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दिए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल इसकी पुष्टि नहीं की है कि कितने शव सौंपे हैं। हालांकि, स्थानीय निवासियों ने यह संख्या करीब 100 बताई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बीते साल सात अक्टूबर के बाद इजरायली हमले में अब तक 26,751 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं जबकि 65,636 लोग घायल हैं।इजरायल, कतर, मिस्त्र और अमेरिका द्वारा बंधकों की रिहाई और स्थायी युद्ध विराम के प्रयास जारी हैं। हमास संघर्ष विराम समझौते के प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। इस बीच, इजरायल में नेतन्याहू सरकार को उसके धुर दक्षिणपंथी सहयोगियों ने धमकी दी है कि अगर लापरवाही से कोई समझौता किया गया तो वह सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।