डिब्रूगढ़ (असम), 28 जनवरी। इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज (आईसीसीएस) के तत्वावधान में प्राचीन परंपराओं और संस्कृतियों के बुजुर्गों का 8वां त्रिवार्षिक सम्मेलन ‘साझा सतत समृद्धि’ डिब्रूगढ़ के वैली स्कूल परिसर में रंगारंग तरीके से शुरू हुआ।

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की कुछ जनजातियों का ढोल-नगाड़ों पर भक्ति नृत्य करते हुए 33 देशों के प्रतिनिधियों के साथ एक जुलूस डिब्रूगढ़ की मुख्य सड़कों से होकर गुजरा। इस जुलूस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ वरिष्ठ आरएसएस नेता सुरेश सोनी सहित डिब्रूगढ़ के हजारों उत्साहित नागरिकों ने देखा।

गरिमामय उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने की और डॉ. मोहन भागवत ने मुख्य वक्ता के रूप में हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत शुभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद दुनिया के सात महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्राचीन धर्मों के आठ प्रतिनिधियों की धार्मिक प्रार्थनाएं हुईं, जिनमें से एक अरुणाचल प्रदेश की इदु मिशमी जनजाति की थी।

इस अवसर पर आईसीसीएस ने ज्ञानवर्धक लेखों और पहले के सम्मेलनों की झलकियों वाली एक स्मारिका एवं एक नई शैक्षणिक और शोध पत्रिका लॉन्च की, जो इतिहास, मानव विज्ञान और शासन पर केंद्रित है। पांच दिवसीय सम्मेलन का समापन 1 फरवरी को आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू करेंगे। उपमुख्यमंत्री चौना मीन समापन सत्र को संबोधित करेंगे।