टोक्यो, 23 जनवरी। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “नेताजी की जापान यात्रा और उपनिवेशी शासन के खिलाफ जापान का समर्थन पाने के उनके कठिन प्रयासों उन्होंने को याद किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी के विचार और भारत के इतिहास में उनके अतुलनीय योगदान से हम गहराई से प्रेरित हैं।
डॉ. सरमा ने कहा, “आज मैंने टोक्यो में भारतीय दूतावास में नेताजी को पुष्पांजलि अर्पित करके अपने दिन की शुरुआत की। मैंने उनकी जापान यात्राओं और औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ाई में जापान का समर्थन हासिल करने के लिए उनके अथक प्रयासों को याद किया।” उन्होंने कहा, “हम नेताजी के विचारों और भारत के इतिहास में उनके अद्वितीय योगदान से गहराई से प्रभावित हैं।”
नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे, ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की मदद से भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) का गठन किया और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन को चुनौती दी। जापान के साथ उनका सहयोग दोनों देशों के साझा इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
डॉ. सरमा की यह यात्रा नेताजी के विजन और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के प्रति सम्मान को दर्शाती है। साथ ही, उनके बयान से भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने के ऐतिहासिक और आपसी सम्मान के महत्व पर भी प्रकाश पड़ता है।