कोलकाता, 2 दिसंबर ।

पश्चिम बंगाल में ‘एसआईआर के डर’ से मौत और आत्महत्या के मामलों पर सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को घोषणा की कि ‘एसआईआर के भय’ के कारण मृत और आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही एसआईआर के तनाव और भय से बीमार पड़े लोगों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य में ‘एसआईआर के डर’ से कुल 39 लोगों की मौत हुई है, जिनमें आत्महत्याएं भी शामिल हैं। ममता बनर्जी ने कहा, “इन सभी मृत व्यक्तियों के परिवारों को सरकार 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।”

सरकार के अनुसार, 13 लोग एसआईआर के तनाव से बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हैं। इन 13 लोगों में 3 बूथ लेवल ऑफिसर भी शामिल हैं, जो कथित तौर पर “काम के दबाव” का शिकार हुए। इन सभी को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

अब तक राज्य में काम के दबाव के कारण 4 बीएलओ की मौत का आरोप सामने आया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से 2 मृत बीएलओ के परिवारों को सरकार पहले ही 2-2 लाख रुपये सहायता दे चुकी है।

पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया 28 अक्टूबर को शुरू हुई थी।उसी दिन उत्तर 24 परगना के खड़दह निवासी प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली थी।

मुख्यमंत्री के अनुसार, गणनापत्र (एन्यूमरेशन फॉर्म) भरने और जमा करने की प्रक्रिया के दौरान कुल 39 लोगों की मौत हुई है।

सूत्रों के मुताबिक, इन मृतकों में करीब आधा हिस्सा आत्महत्या करने वालों का है, जबकि बाकी लोगों की मौत हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हुई।

एसआईआर से जुड़े लगातार मौतों और आत्महत्याओं ने राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है। सरकार इस पूरे मामले में राहत और सहायता प्रदान कर रही है।