कोलकाता, 2 दिसंबर ।कोलकाता के न्यू टाउन में प्रस्तावित भव्य दुर्गा अंगन परियोजना को लेकर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुर्गा अंगन का भूमिपूजन दिसंबर में किया जाएगा, जिसके साथ ही निर्माणकार्य भी शुरू हो जाएगा। इस परियोजना का जिम्मा हिडको (आवास एवं अवसंरचना विकास निगम) को दिया गया है।

हिडको की चेयरपर्सन और राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री की सुविधा के अनुसार दिसंबर में किसी भी दिन भूमिपूजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परियोजना से जुड़े प्रारंभिक कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं और दिसंबर से निर्माण औपचारिक रूप से प्रारंभ हो जाएगा।

इससे पहले दीघा में भव्य जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया गया है और सिलिगुड़ी में सबसे बड़े महाकाल मंदिर के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। दुर्गा अंगन की घोषणा मुख्यमंत्री ने 21 जुलाई की रैली में की थी, जिसके बाद अगस्त के दूसरे सप्ताह में राज्य मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी। इसके बाद हिडको ने जमीन चयन, डिजाइन और टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेंडर संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।

दुर्गा अंगन, न्यू टाउन के इको पार्क के समीप रामकृष्ण मिशन की भूमि से सटी जगह पर बनाया जाएगा। परियोजना के लिए हिडको ने 22 अगस्त को टेंडर आमंत्रित किया था, जिसमें अनुमानित लागत ₹261.98 करोड़ तय की गई। नियमों के अनुसार निर्माणकार्य शुरू होने के 24 महीने के भीतर परियोजना को पूरा करना होगा। यदि राजनीतिक परिस्थितियां सामान्य रहीं, तो इस विशाल परियोजना के सितंबर 2027 तक पूर्ण होने की संभावना है।

हिडको ने स्थल पर आधार तैयार करने और मिट्टी भरने का प्रारंभिक कार्य पहले ही शुरू कर दिया है। दिसंबर में भूमिपूजन के बाद निर्माण की गति और तेज़ होने की उम्मीद है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस को वर्षों से मुस्लिम मतदाताओं का व्यापक समर्थन मिलता रहा है। इसी आधार पर भाजपा अक्सर तृणमूल पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाती है और हिंदू वोटों को एकजुट करने की रणनीति अपनाती है। इसी संदर्भ में दिघा के जगन्नाथ मंदिर और अब न्यू टाउन में दुर्गा अंगन को कई विशेषज्ञ राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका कहना है कि यह भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा को संतुलित करने की रणनीति भी हो सकती है।

हालाँकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सर्वधर्म समभाव की नीति में विश्वास रखती हैं और यह परियोजना उसी नीति का हिस्सा है। उनके अनुसार, सभी धर्मों को समान सम्मान देना ही बंगाल की संस्कृति की आत्मा है, और दुर्गा अंगन उसी विचारधारा का प्रतीक होगा।