नदिया, 2 दिसंबर । एसआईआर को लेकर पहले से ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल जारी है। इसी बीच नदिया जिले के नवद्वीप के प्रतापनगर हॉस्पिटल रोड इलाके में एक नाली से बड़ी संख्या में मतदाता पहचान पत्र बरामद होने से हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही नवद्वीप थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और सभी कार्डों को कब्जे में लिया।

मंगलवार को पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने कार्ड पर दर्ज नामों के आधार पर संबंधित व्यक्तियों से संपर्क किया। आश्चर्यजनक रूप से सभी लोगों ने बताया कि उनके असली वोटर कार्ड उनके घर में सुरक्षित रखे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि नाली में मिले कार्ड किसके हैं? क्या ये नकली या डुप्लीकेट कार्ड हैं? इसको लेकर गंभीर संदेह पैदा हो गया है।

स्थानीय लोगों ने नाली के भीतर कई वोटर कार्ड पड़े देख तुरंत पुलिस को खबर दी। स्थानीयों के अनुसार कार्ड पर लिखे नाम और पते आस-पास के लोगों से मेल खाते हैं, लेकिन उनके घरों में मौजूद असली कार्ड भी बिल्कुल वैध हैं। इससे पूरे मामले पर रहस्य गहराता जा रहा है।

स्थानीय भाजपा नेताओं ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान लगातार अनियमितताओं की आशंका जताई गई थी, और नाली से इतने कार्डों का मिलना उसी का प्रमाण है। उनका आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस एसआईआर से डरी हुई है और धांधली के रास्ते अपना राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।

भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए नवद्वीप नगर पालिका के 5 नंबर वार्ड के पार्षद झंटुलाल दास ने कहा,

“इस घटना में तृणमूल का कोई हाथ नहीं है। यह भाजपा की साज़िश है। चुनाव आयोग को इस पूरे मामले की जांच अवश्य करनी चाहिए।”

प्रतापनगर हॉस्पिटल रोड नवद्वीप का बेहद व्यस्त और महत्वपूर्ण इलाका है। ऐसे स्थान पर एक साथ कई वोटर कार्ड मिलना स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग—दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर कौन और किस उद्देश्य से इन कार्डों को यहां फेंक गया। मामला राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तर पर तूल पकड़ रहा है।